बदलते मौसम के साथ कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आम हो जाती है। इसके अलावा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण भी शरीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है। सीने में बलगम या कफ, सर्दी, फ्लू, एलर्जी या श्वसन संक्रमण के साथ होने वाला एक आम लक्षण है। हालांकि, बलगम धूल और रोगाणुओं को रोकने में एक सुरक्षात्मक भूमिका निभाता है, लेकिन शरीर में ज्यादा बलगम वायुमार्गों को अवरुद्ध कर सकती है। इसके चलते खांसी और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। आयुर्वेदिक गुरु स्वामी ध्यान नीरव के मुताबिक, छाती में जमा कफ का इलाज करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे असरदार साबित हो सकते हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दी-जुकाम, प्रदूषण और धूल-मिट्टी के कारण अक्सर छाती में बलगम जम जाता है। यह न केवल सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है, बल्कि धीरे-धीरे फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी कमजोर कर देता है। अगर, समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो खांसी, गले में खराश और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में शहद युक्त पेय और हर्बल उपचारों से लेकर स्टीम थेरेपी और ह्यूमिडिफायर तक, ये प्राकृतिक तरीके कंजेशन को कम कर सकते हैं और रिकवरी में मदद कर सकते हैं।

आराम करते समय पॉजिशन बदलें

अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, आप जिस तरह से अपने शरीर को रखते हैं, वह आपके वायुमार्ग से बलगम के निकलने की आसानी को प्रभावित कर सकता है। पेट के बल लेटने से अक्सर कंजेशन और भी बदतर हो जाता है, खासतौर पर रात के समय में ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा आराम करते या सोते समय अतिरिक्त तकियों का सहारा लेने की कोशिश करें। यह ऊंचाई बलगम को अधिक आसानी से निकलने में मदद करती है और इसे आपकी छाती में जमा होने से रोकती है।

दिन के दौरान, लेटने के बजाय सीधे बैठने से भी फेफड़ों पर दबाव कम हो सकता है। थोड़ा आगे की ओर झुकना या करवट लेकर लेटना जैसी हल्की हरकतें बलगम को बाहर निकलने में मदद कर सकती हैं और उसे बाहर निकालना आसान बना सकती हैं। शरीर के ठीक होने के दौरान आराम महसूस करने के लिए मुद्रा में बदलाव एक सरल, गैर-आक्रामक तरीका है।

गर्म पेय में शहद मिलाएं

शहद का इस्तेमाल लंबे समय से खांसी और गले की खराश के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है और यह सीने की जकड़न के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। चाय या नींबू पानी जैसे गर्म पेय पदार्थों में एक चम्मच शहद मिलाने से आराम मिलता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती मिलती है। शहद में रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो वायुमार्ग में जलन को कम करने में मदद कर सकते हैं। शहद के साथ गर्म तरल पदार्थ गाढ़े बलगम को भी ढीला कर सकते हैं, जिससे खांसी आसान हो जाती है। नियमित उपयोग श्वसन संक्रमण से तेजी से उबरने में भी मदद कर सकता है और बेचैनी को कम कर सकता है।

हल्दी का सेवन करें

छाती के बलगम से निजात पाने के लिए हल्दी का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। हल्दी का सेवन दूध के साथ या फिर हल्दी की चाय बनाकर करें। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो गले और छाती के बलगम को जला देते हैं और परेशानी से निजात मिलती है।

धूम्रपान और धुएं बचें

सीने में बलगम कम करने के सबसे जरूरी कदमों में से एक है, धूम्रपान और पर्यावरणीय उत्तेजक पदार्थों के संपर्क से बचना। बीएमसी जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिगरेट का धुआं फेफड़ों में मौजूद बाल जैसी छोटी संरचनाओं, जिन्हें सिलिया कहते हैं को नुकसान पहुंचाता है। यह वायुमार्ग से बलगम को बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार होती है। जब सिलिया क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो बलगम जमा हो जाता है और कंजेशन की समस्या और भी बदतर हो जाती है।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।