HIV/AIDS एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में लोग अक्सर बात करने से कतराते हैं। इसी विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। HIV पॉजिटिव होना एक गंभीर और चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर पहचान, सही इलाज और सावधानियों के साथ इस बीमारी के साथ भी सामान्य जीवन जिया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, HIV एक वायरस जनित संक्रमण है जो शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करता है। ये संक्रमण कई कारणों से फैलता है जैसे
- असुरक्षित यौन संबंध
- संक्रमित व्यक्ति के खून के संपर्क में आना
- संक्रमित व्यक्ति पर उपयोग की गई सुई या इंजेक्शन का पुनः इस्तेमाल
- गर्भवती HIV पॉजिटिव मां से बच्चे में संक्रमण का पहुंचना
देश और दुनिया में HIV के तेजी से फैलने का सबसे बड़ा कारण अब भी असुरक्षित यौन संबंध माना जाता है। एक्सपर्ट लगातार सुरक्षित यौन व्यवहार, समय पर टेस्टिंग और जागरूकता को इस बीमारी की रोकथाम के प्रमुख उपाय बताते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद सदस्य (RSSDI) डॉ. अमित गुप्ता बताते हैं कि HIV से संक्रमित लोगों को दिए जाने वाले इलाज में आमतौर पर एंटीरेट्रोवायरल दवाएं (Antiretroviral Therapy – ART) शामिल होती हैं। ये दवाएं वायरस की गति को नियंत्रित करती हैं, लेकिन कई बार इसके दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं।
डॉ. गुप्ता के अनुसार, ART की कुछ दवाएं शरीर में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा सकती हैं, जिसकी वजह से HIV मरीजों में हाई ब्लड शुगर या डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि HIV पॉजिटिव लोगों को उपचार शुरू करने से पहले और उपचार के दौरान नियमित रूप से ब्लड शुगर मॉनिटरिंग की सलाह दी जाती है।
इंडिया HIV Estimations 2023 रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में देश में 25 लाख से अधिक लोग HIV के साथ जी रहे हैं। वयस्क HIV प्रसार दर जहां 0.2% पर स्थिर है, वहीं 2010 के बाद से नए संक्रमणों में 44% की कमी आई है, जो मजबूत राष्ट्रीय प्रयासों का परिणाम है। एक्सपर्ट के मुताबिक नियमित जांच और नियंत्रण से मरीज सुरक्षित रहते हैं और उपचार के दौरान आने वाले किसी भी मेटाबॉलिक बदलाव को आसानी से मैनेज कर सकते हैं।
कंसल्टेंट पैथोलॉजिस्ट डॉ. संतोष सिंह बताते हैं कि एचआईवी के शुरुआती लक्षण तीन चरणों में दिखाई देते हैं। वायरस के संपर्क में आने के लगभग 3-4 हफ्तों बाद 40-90% लोगों में लक्षण दिखने लगते हैं। इम्युनिटी और वायरल लोड के अनुसार गले में खराश, बुखार, डायरिया, थकान, हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द जैसे संकेत उभरते हैं। ऐसे लक्षण दिखने के लगभग दो हफ्ते बाद एचआईवी टेस्ट करवाना चाहिए। आइए जानते हैं कि HIV पॉजिटिव होने पर बॉडी में कौन कौन से लक्षण दिखते हैं।
बुखार (Fever)
एचआईवी संक्रमण के शुरुआती चरण में हल्का से मध्यम बुखार सबसे आम लक्षणों में से एक है। वायरस शरीर में तेजी से बढ़ता है, जिससे इम्यून सिस्टम सक्रिय होकर प्रतिक्रिया देता है। इस प्रक्रिया में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। बुखार अक्सर थकान, ठंड लगना और पसीना आने के साथ होता है। यह लक्षण संक्रमण के 2-4 हफ्तों के भीतर दिखाई दे सकता है, इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
गले में खराश और सूजी हुई ग्रंथियां
एचआईवी शरीर की लिम्फ नोड्स पर असर डालता है, जो इम्यून सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वायरस पर प्रतिक्रिया करते हुए ये नोड्स सूज जाते हैं, जिससे गले में खराश और दर्द महसूस होता है। कई लोगों को गर्दन, बगल और जांघों के पास भी सूजन दिख सकती है। यह सूजन दर्द रहित भी हो सकती है, लेकिन लगातार रहती है। शुरुआती संक्रमण के दौरान यह लक्षण काफी आम माना जाता है और हफ्तों तक रह सकता है।
डायरिया और पाचन समस्या (Diarrhea & Digestive Issues)
एचआईवी संक्रमण के प्रारंभिक चरण में पाचन तंत्र कमजोर पड़ सकता है, जिससे डायरिया, पेट में ऐंठन, गैस और मतली जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। यह स्थिति कभी-कभी लगातार कई दिनों तक बनी रहती है। शरीर संक्रमण से लड़ने की कोशिश करता है, जिससे आंतों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। यदि डायरिया लंबे समय तक रहे और सामान्य दवाओं से ठीक न हो, तो यह HIV संक्रमण का संकेत हो सकता है।
थकान और कमजोरी (Fatigue & Weakness)
एचआईवी वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम पर गहरा असर डालता है, जिससे शरीर लगातार एक फाइट मोड में रहता है। इस वजह से अत्यधिक थकान, कमजोरी और ऊर्जा में कमी महसूस होती है। यह थकान आराम करने पर भी पूरी तरह दूर नहीं होती। कई मरीज इसे वायरल फ्लू जैसा मान लेते हैं, लेकिन यदि यह लंबे समय तक जारी रहे, तो यह HIV का शुरुआती संकेत हो सकता है।
हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
एचआईवी संक्रमण से शरीर में सूजन बढ़ती है और इम्यून सिस्टम पर दबाव आता है। इसके कारण हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द हल्का या तेज दोनों रूप में हो सकता है और कई बार सामान्य वायरल संक्रमण जैसा लगता है। यह लक्षण संक्रमण के शुरुआती हफ्तों में उभर सकता है और अन्य लक्षणों के साथ मिलकर HIV की पहचान में महत्वपूर्ण संकेत देता है।
त्वचा पर रैशेज (Skin Rashes)
एचआईवी के शुरुआती चरण में शरीर की त्वचा पर लाल या भूरे रंग के चकत्ते उभर सकते हैं। यह रैश खुजलीदार भी हो सकते हैं या बिना खुजली के भी दिखाई दे सकते हैं। यह अक्सर छाती, चेहरा, पीठ या हाथों पर उभरते हैं। शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण स्किन संवेदनशील हो जाती है। यदि रैश अचानक आए और लंबे समय तक रहे, तो यह HIV का संकेत हो सकता है।
तेज़ी से वजन घटना (Rapid Weight Loss)
एचआईवी संक्रमण शरीर के मेटाबॉलिज्म और पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करता है। इसके कारण बिना किसी स्पष्ट वजह के तेज वजन कम होना शुरू हो जाता है। यह HIV Wasting Syndrome का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है। वजन घटना अक्सर डायरिया, भूख में कमी और मांसपेशियों के टूटने के कारण होता है। यदि कम समय में noticeable वजन गिरने लगे, तो इसे गंभीर संकेत माना जाता है।
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