Ayurveda for high uric acid: यूरिक एसिड की समस्या धीरे-धीरे बहुत आम होती जा रही है। यूरिक एसिड बढ़ने का कारण गलत जीवनशैली, हाई शुगर और फ्रुक्टोज फूड, शराब का अधिक सेवन और धूम्रपान है। अगर जोड़ों में दर्द या जोड़ों में सूजन के ये लक्षण बिना शारीरिक मेहनत के दिखें तो पता चलता है कि खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है। यूरिक एसिड न केवल जोड़ों के दर्द, गठिया बल्कि हृदय रोग, मधुमेह, किडनी जैसी बीमारियों के लिए भी खतरनाक है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. डिंपल जांगडा ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया है जिसमें इसका समाधान बताया गया है। अगर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाए तो जड़ी-बूटियों को शामिल करना चाहिए। यह प्राकृतिक उपाय निश्चित रूप से लाभकारी है।

उम्र के हिसाब से कितना यूरिक एसिड लेवल होना चाहिए

मेयो क्लिनिक के अनुसार, यूरिक एसिड के स्तर में उम्र के साथ उतार-चढ़ाव होता है। यह लिंग के अनुसार भी भिन्न होता है। ऐसे मामलों में महिलाओं और पुरुषों में यूरिक एसिड का स्तर एक दूसरे के लिए सामान्य से कम या अधिक हो सकता है।

पुरुषों में उम्र अनुसार यूरिक एसिड का स्तर

1-10 वर्ष: 2.4-5.4 mg/dL
11 वर्ष: 2.7-5.9 mg/dL
12 वर्ष: 3.1-6.4 mg/dL
13 वर्ष: 3.4-6.9 mg/dL
14 वर्ष: 3.7-7.4 mg/dL
15 वर्ष: 4.0-7.8 mg/dL
≥16 वर्ष: 3.7–8.0 mg/dL

महिलाओं में उम्र अनुसार यूरिक एसिडिटी का स्तर

1 वर्ष: 2.1–4.9 mg/dL
2 वर्ष: 2.1-5.0 mg/dL
3 वर्ष: 2.2-5.1 mg/dL
4 वर्ष: 2.3-5.2 mg/dL
5 वर्ष: 2.3-5.3 mg/dL
6 वर्ष: 2.3-5.4 mg/dL
7-8 वर्ष: 2.3-5.5 mg/dL
9-10 वर्ष: 2.3-5.7 mg/dL
11 वर्ष: 2.3-5.8 mg/dL
12 वर्ष: 2.3-5.9 mg/dL
≥13 वर्ष: 2.7–6.1 mg/dL

गुग्गुल

यूरिक एसिड बढ़ने पर आयुर्वेद के डॉक्टर गुग्गुल के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। गुग्गुल में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। नतीजतन, यह जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करता है। यह रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को भी नियंत्रित करता है। आप इसका सेवन काढ़े के रूप में कर सकते हैं।

​गिलोय

हाई यूरिक एसिड में गिलोय सबसे फायदेमंद आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में से एक है। इससे शरीर में पित्त दोष कम होता है। जो जोड़ों के दर्द का एक प्रमुख कारण है। इसके साथ ही यह पित्त और वात दोष को संतुलित करता है और ब्लड यूरिक एसिड को कम करता है। गिलोय का सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन से भी राहत मिलती है।

नागरमोथा जड़ी बूटी

मुस्‍ता (Nut grass) जड़ी बूटी को नागरमोथा (Cypriol) के नाम से भी जाना जाता है। अगर आपका यूरिक एसिड लेवल सामान्य से ज्यादा है तो इस दवा को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और इसे पीसकर पाउडर बना लें। यह यूरिक एसिड को तेजी से कंट्रोल करने का काम करता है।