बॉडी में जब प्यूरिन नामक तत्व का ब्रेकडाउन होता है तो उससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती हैं। मेडिकल टर्म में हाई यूरिक एसिड को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ने का कारण खराब जीवन-शैली और गलत खानपान को भी माना जाता है। एक अध्य्यन के मुताबिक दुनिया में हर पांच में से एक व्यक्ति इस परेशानी से जूझ रहा है। हाई यूरिक एसिड के कारण उठने-बैठने और चलने-फिरने में तकलीफ समेत जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्याएं भी होने लगती हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब किडनी खून में मौजूद यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती तो यह क्रिस्टल के रूप में हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है। अगर सही समय पर हाई यूरिक एसिड की समस्या को नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह खतरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है। इसके बढ़े होने का पता ब्लड टेस्ट के जरिए ही लगाया जा सकता है।
हाई यूरिक एसिड के लक्षण: जब बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो इसके कारण जोड़ों में तेज दर्द, अपच, घुटनों में सूजन, बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। केवल इतना ही नहीं यह अर्थराइटिस, गठिया बाय, गाउट, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थितियों का खतरा भी बन सकता है।
हाई यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अजवाइन: जो लोग हाई यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें रोजाना सुबह खाली पेट अजवाइन के पानी का सेवन करना चाहिए। अजवाइन में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड यूरिक एसिड की समस्या को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
सेब का सिरका: सेब का सिरका स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है। यह खून में पीएच के स्तर को बढ़ाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण बॉडी में यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में मददगार हैं। आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
जैतून के तेल: जैतून के तेल में विटामिन ई की अच्छी-खासी मात्रा पाई जाती है। यह खून में यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है। ऐसे में आप अपना खाना बनाने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।