डायबिटीज एक साइलेंट किलर डिज़ीज है, जो शरीर को धीरे-धीरे भीतर से नुकसान पहुंचाती है। यह सिर्फ दिल, किडनी और लंग्स को प्रभावित नहीं करती, बल्कि आंखों पर भी गंभीर असर डालती है। लंबे समय तक ब्लड शुगर के बढ़े रहने से आंखों की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार मरीज को आंखों में ब्लर विज़न, डबल विज़न, फ्लोटर्स, आंखों में प्रेशर या रात में देखने में दिक्कत जैसे शुरुआती संकेत मिलते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। यही लापरवाही आगे जाकर स्थायी नुकसान का कारण बन सकती है।

हेल्थलाइन के मुताबिक डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए सिर्फ दवाइयों पर निर्भर रहना काफी नहीं है। संतुलित डाइट, जैसे कम ग्लाइसेमिक फूड्स, फाइबर, प्रोटीन और पर्याप्त पानी का सेवन बेहद जरूरी है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम, जैसे तेज चलना, योग, या हल्की कसरत ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। तनाव भी ब्लड शुगर को बढ़ाता है, इसलिए मेडिटेशन, गहरी सांसों के अभ्यास और पर्याप्त नींद लेना भी महत्वपूर्ण है।

समय-समय पर आंखों की जांच और स्वास्थ्य चेकअप कराना भी डायबिटीज मरीजों के लिए जरूरी है। समय रहते लक्षण पहचान कर और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर न सिर्फ डायबिटीज कंट्रोल में रहती है बल्कि ऑर्गन डैमेज का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। हाई ब्लड शुगर होने पर आंखों में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जिसे शुरुआत में ही पहचानना जरूरी है। आइए जानते हैं कि हाई ब्लड शुगर के आंखों में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं।

धुंधला दिखना (Blurry Vision)

ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव होने पर आंखों के लेंस में सूजन आ सकती है। इससे लेंस का आकार बदलता है और चीजें साफ नहीं दिखतीं। कई लोग इसे चश्मे का नंबर बदलने का संकेत समझते हैं, जबकि ये डायबिटीज का शुरुआती लक्षण हो सकता है।

नजर बार-बार बदलना (Frequent Vision Changes)

कभी साफ दिखाई देना तो कभी धुंधला दिखना, ऐसा बार-बार होना संकेत है कि ब्लड ग्लूकोज लेवल आंखों की फोकस करने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है। यह प्रीडायबिटीज या शुरुआती डायबिटीज का संकेत हो सकता है।

आंखों के आगे तैरते धब्बे व फ्लैश

अगर अचानक काले धब्बे, फ्लैश या तैरते हुए धब्बे दिखने लगे तो यह डायबिटिक रेटिनोपैथी का संकेत है। हाई ब्लड शुगर से रेटिना की छोटी रक्त वाहिकाएं कमजोर होकर खून बहाने लगती हैं। समय पर उपचार न मिले तो यह स्थिति अंधेपन तक पहुंचा सकती है।

आंखों में दबाव या असहजता होना

डायबिटीज ग्लूकोमा का खतरा बढ़ देती है। इसमें आंखों का प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे दर्द, लालिमा और लाइट के आसपास हेलो दिखाई देने लगते हैं। ग्लूकोमा धीरे-धीरे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है और बाद में दृष्टि भी जा सकती है।

रात में साफ न दिखना (Poor Night Vision)

हाई ब्लड शुगर रेटिना की लाइट-सेंसिटिव कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे रात या कम रोशनी में देखने में मुश्किल होती है। यह लक्षण अक्सर नजरअंदाज हो जाता है।

आंखों के आसपास घाव भरने में देरी होना

डायबिटीज से रक्त संचार धीमा हो जाता है जिससे इंफेक्शन और आंखों में सूजन जल्दी ठीक नहीं होती। यह भी बढ़े हुए ब्लड शुगर का संकेत हो सकता है।

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