High Blood Sugar: आज की जीवन शैली में तनाव की अधिकता व शारीरिक गतिविधियों की कमी से लोगों के ब्लड शुगर का स्तर अनियमित हो जाता है। रक्त शर्करा का स्तर अनियंत्रित होने से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। वहीं, हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शरीर जब पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन के उत्पादन में नाकाम हो जाती है या फिर इंसुलिन का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं रह जाती है तो लोग मधुमेह की चपेट में आ जाते हैं। इस बीमारी को सबसे घातक बीमारियों में से एक माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग लंबे समय से डायबिटीज से पीड़ित हैं, वो कई अन्य परेशानियों से भी जूझने लगते हैं।

किडनी संक्रमण: हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मधुमेह रोगियों के शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से बॉडी में मौजूद छोटे-छोटे ब्लड वेसल्स को नुकसान हो सकता है। इसके प्रभाव से किडनी के ब्लड वेसल्स भी डैमेज हो सकते हैं जिससे किडनी के फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है। इस वजह से शरीर में पानी व नमक का स्तर भी बढ़ जाता है जो मोटापा को बुलावा दे सकता है। वहीं, डायबिटीज शरीर में मौजूद नसों को भी प्रभावित करता है। इस कारण पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है जिससे ब्लैडर पर दबाव हर समय बना रहता है।

कमजोर दृष्टि: डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ग्लूकोज का स्तर अधिक होने से दृष्टि भी बाधित हो सकती है। हाई ब्लड शुगर होने के कारण मरीजों में हाइपरग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ता है। इससे लोगों को धुंधलापन की शिकायत हो जाती है। इसके कारण कैटरेक्ट यानी मोतियाबिंद की परेशानी हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों में इस बीमारी को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं।

लिवर की बीमारी: खाने को पचाने में लिवर की भूमिका अहम होती है पर शरीर में ग्लूकोज अधिक होने पर लिवर कमजोर हो जाता है। इससे उनमें फैटी लिवर से पीड़ित होने का खतरा बढ़ता है। आंकड़ों के मुताबिक टाइप 2 डाइबिटीज से ग्रसित आधे मरीजों को फैटी लिवर का सामना करना पड़ता है।

हृदय रोग: डायबिटीज के वो मरीज जो मोटापा से ग्रस्त हैं या फिर अधिक तनाव लेते हैं उनमें दिल की बीमारी का खतरा भी ज्यादा होता है। साथ ही, स्मोकिंग और अनहेल्दी फूड भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि दूसरों के मुताबिक डायबिटीज रोगियों में कम उम्र में ही हार्ट डिजीज से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है।

त्वचा संबंधी विकार: अगर लोगों को अपनी उंगली या फिर अंगूठे की स्किन मोटी नजर आने लगे तो उन्हें अपना ब्लड शुगर जरूर चेक करवाना चाहिए। इसके अलावा, उच्च रक्त शर्करा के कारण स्किन में धब्बे और खुजली भी होने लगती है। वहीं, स्किन में सूजन, लाली, फोड़े, घाव अथवा इंफेक्शन भी ब्लड शुगर बढ़ने का एक लक्षण माना जाता है।