खराब लाइफस्टाइल और बिगड़ते खान-पान की वजह से बॉडी में कई ऐसी बीमारियां लग जाती है जो तमाम उम्र साथ रहती है। डायबिटीज, थॉयरायड और हाई ब्लड प्रेशर ऐसी बीमारियां हैं जिनसे पूरी तरह से मुक्ति नहीं पाई जाती। इन बीमारियों को सिर्फ दवाई से कंट्रोल किया जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर जिसे हाइपरटेंशन भी कहते हैं इसके मरीजों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज का अचानक से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है जिसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो किडनी फेल, हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज का खतरा हो सकता है। सामान्य ब्लड प्रेशल 120/80 होना चाहिए। जब ब्लड प्रेशर रीडिंग 180/120 से अधिक है तो ये हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। बीपी बढ़ने से दिल का दौरा, स्ट्रोक या अन्य जानलेवा स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
हाई बीपी किडनी, दिल, ब्रेन और आंखों के ब्लड वैसल्स और बॉडी ऑर्गन को डैमेज कर सकता है। बीपी हाई होने पर हृदय रक्त को प्रभावी ढंग से पंप करने में सक्षम नहीं होता। हाई बीपी के मरीजों की बॉडी में बीपी हाई के लक्षण दिखने लगते हैं अगर उन्हें नजरअंदाज किया जाए तो ब्रेन हैमरेज (Brain hemorrhage)का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो उल्टी को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करें। हाई बीपी में उल्टी होने से ब्रेन हैमरेज का खतरा हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर होने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं जैसे
- तनाव
- आंखों से धुंधला दिखाई देना
- छाती में दर्द और भ्रम की स्थिति
- मतली और उल्टी होना
- भयानक सरदर्द
- सांस लेने में कठिनाई होना शामिल है।
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर छाती में दर्द,मतली और उल्टी हो रही है तो उसे बिल्कुल भी नजर अंदाज नहीं करें। ये लक्षण ब्रेन हैमरेज का खतरा बढ़ा सकते हैं।
- अगर आपका ब्लड प्रेश चेक करने पर उसकी रीडिंग हाई दिख रही है और बॉडी में लक्षण नहीं दिख रहे तो आप कुछ देर के लिए आराम करें। कुछ देर आराम करने के बाद दोबारा बीपी चेक करें। अगर दोबारा रिडिंग लेने पर भी हाई है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर 180/120 से अधिक है और आपको सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ है तो ये स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं। आप तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं पर कॉल करें।
- स्ट्रोक के लक्षणों में बॉडी में झुनझुनी होना, बोलने में परेशानी होना और आंखों से धुंधला दिखना शामिल है।
- ब्लड प्रेशर के मरीज बॉडी को एक्टिव रखें। पानी का अधिक सेवन करें। रोजाना एक्सरसाइज और योगा करें।