High Blood Pressure: जब धमनियों में खून का दबाव बढ़ता है तो हार्ट को सामान्य क्रम से अधिक काम करना पड़ता है, इसी अत्यधिक प्रेशर को हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। आसान भाषा में कहें तो सामान्य ब्लड प्रेशर का लेवल 120/80 होता है, जब रक्तचाप का स्तर इससे अधिक होता है तो इस स्थिति को हाइपरटेंशन कहते हैं। बता दें कि हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में एक अरब से भी ज्यादा लोग हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रस्त हैं। ये बीमारी हार्ट अटैक के शुरुआती कारणों में से एक हैं। इतना ही नहीं, हाई बीपी किडनी व ब्रेन स्ट्रोक के जोखिमों को भी बढ़ाता है।

क्योंं होती हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी: सामान्यतः ब्‍लड प्रेशर को 85 से ऊपर जाते ही चेतावनी का संकेत माना जाता है। रक्तचाप बढ़ने के पीछे बदलते लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, थकान और खराब डाइट को प्रमुख कारण माना जाता है। वहीं, खाने में नमक की मात्रा अधिक रहने पर भी ब्लड प्रेशर बढ जाने का खतरा ज्यादा हो जाता है। इसके अलावा, जो लोग पहले से बीपी के मरीज हैं, अगर वो दवा लेना छोड़ देते हैं तो उनका बीपी भी हाई हो सकता है। शारीरिक रूप से असक्रिय होना, धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन भी बीपी बढ़ने का कारण माना जाता है।

क्या हैं उच्च रक्तचाप के लक्षण: सिरदर्द, सिर घूमना, सीने में तेज दर्द, चक्कर आना, बेचैनी, धुंधला दिखना और नाक से खून निकलना ये सब हाई ब्‍लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि जीवन में संयम, अनुशासन और सकारात्मक रवैया अपनाने से ब्लड प्रेशर को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने में कारगर है।

संतुलित डाइट है जरूरी: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो नमक का सेवन कम से कम करें। उनके मुताबिक हाई ब्लड प्रेशर के 40-50 प्रतिशत रोगियों में नमक घटाने से रक्तदाब पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। कम कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन, पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स, पोटैशियम के सोर्स को डाइट में शामिल करने से ब्लड प्रेशर काबू में रहेगा।

इन बातों का रखें ख्याल: हाई बीपी हार्ट अटैक, स्ट्रोक, ब्रेन डैमेज जैसी कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में इसपर काबू करना अत्यधिक आवश्यक है। व्यायाम, योगाभ्यास, मॉर्निंग वॉक, स्ट्रेसमुक्त जीवन जीने से भी ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।