Irregular Blood Sugar Level: वर्तमान समय में तमाम व्यस्तताओं के बीच शुगर लेवल का अनियमित होना आम है। लेकिन शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने और घटने से बाकी हिस्सों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ब्लड शुगर हाई हो जाने पर शरीर को होने वाले नुकसानों से तो कई लोग परिचित हैं। पर लो ब्लड शुगर की परेशानी भी लोगों के लिए काफी समस्याएं खड़ी कर सकती है। बता दें कि सिर्फ डायबिटिक लोग ही नहीं बल्कि स्वस्थ व्यक्ति को भी इन समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। हाई ब्लड शुगर लोगों में डायबिटीज का खतरा पैदा करता है। वहीं, शुगर लेवल लो होने से शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। आइए पहले जान लेते हैं इन दोनों के लक्षण –

उच्च रक्त शर्करा की कैसे करें पहचान: ब्लड शुगर लेवल अधिक हो जाने से बॉडी सेल्स तक इंसुलिन नहीं पहुंच पाता है। इससे शरीर के विभिन्न हिस्सों पर अलग-अलग प्रभाव देखने को मिलता है। दिन भर आराम करने के बावजूद अगर आप थकान महसूस करते हैं तो शुगर लेवल जांच कराएं।

पानी पीने के बाद भी गला सूखा रहे तो ऐसा शरीर में हाई ब्लड शुगर के कारण हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से नजरें भी कमजोर हो सकती हैं। इससे आंखों की सेहत खराब होती है और अंधेपन का खतरा भी बढ़ता है। इसके अलावा, बार-बार पेशाब लगना, स्किन संबंधी दिक्कतें, होंठों का सूखना, घाव और मुंह में छाले हाई शुगर के लक्षण हो सकते हैं।

लो शुगर के लक्षण: अगर ब्लड शुगर लेवल 72 मिलीग्राम / डीएल से भी कम हो जाए तो उसे लो शुगर हो सकता है। लो ब्लड शुगर की स्थिति को हाइपोग्लाइसेमिया कहा जाता है। इससे पीड़ित मरीजों को चक्कर आने, ज्यादा भूख लगने और चैनी जैसी शिकायतें हो सकती हैं। नींद की कमी, पसीना, चिड़चिड़ापन और हाथ-पैर कांपना भी इस बीमारी के लक्षण हैं।

शुगर लेवल हाई होने से होती हैं ये परेशानियां: डायबिटीज के मरीजों को स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हृदय रोग. अंधापन और त्वचा रोग से ग्रस्त होने का खतरा अधिक रहता है।

कम रक्त शर्करा इन समस्याओं को देते हैं बुलावा: कई बार हाइपोग्लाइसेमिया गंभीर रूप भी ले सकती है। इस बीमारी के कारण मरीजों को किडनी संबंधी परेशानी, हेपटाइटिस, लिवर रोग और दिमागी बीमारियां हो सकती हैं। ब्लड शुगर कम होने से दिल की धड़कन बेहद तेज हो सकती है।