देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लगातार हो रही बारिश की वजह से जगह-जगह जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है। इस जलभराव के कारण न केवल जनजीवन प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कई खतरनाक बीमारियों का प्रकोप फैल सकता है, जिससे मलेरिया, डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस, हैजा, टाइफाइड, डायरिया और त्वचा रोग प्रमुख हैं।

सी के बिड़ला अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉ. तुषार तायल बताते हैं हैं कि जलजमाव वाले इलाकों में मच्छरों और बैक्टीरिया का तेजी से पनपना शुरू हो जाता है, जिससे इंफेक्शन वाली खतरनाक बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। समस्या यह है कि इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण देखने में हल्के होते हैं लेकिन तेजी से यह शरीर में घुसकर जानलेवा बन जाते हैं। इन सबकी शुरुआत बुखार, सिरदर्द या उल्टी, दस्त आदि से होती है। लोग अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं और डॉक्टर के पास देर से पहुंचते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है। ऐसे में ज़रूरी है कि लोग बारिश और बाढ़ के समय सतर्क रहें, सफाई पर ध्यान दें और ज़रा भी लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

भारी बारिश में बढ़ने वाली बीमारियां  

मलेरिया और डेंगू

भारी बारिश के बाद मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है। मलेरिया और डेंगू इन्हीं से फैलते हैं। इसमें तेज बुखार, शरीर में ऐंठन और कमजोरी होने लगती है। इसके बचाव के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का प्रयोग करें।

लेप्टोस्पायरोसिस

गंदे पानी के संपर्क में रहने से बैक्टीरियल संक्रमण फैलता है।लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो लेप्टोस्पाइरा नामक जीवाणु से होता है। यह गंदे या बाढ़ के पानी में मौजूद संक्रमित पशुओं के मूत्र से फैलता है और त्वचा पर कट या घाव के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसके लक्षणों में तेज़ बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, लाल आंखें, उल्टी और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। गंभीर मामलों में यह किडनी और लिवर को भी प्रभावित कर सकता है। इससे बचने के लिए जलजमाव या गंदे पानी से बचें, वाटरप्रूफ जूते पहनें, साफ पानी पिएं और किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

हैजा और डायरिया

हैजा या कॉलरा दूषित पानी या भोजन से फैलने वाला बैक्टीरियल संक्रमण है। इसके लक्षणों में बार-बार पानी जैसी दस्त, उल्टी, तेज़ डिहाइड्रेशन और थकान शामिल हैं। डायरिया कई कारणों से हो सकता है, जैसे दूषित खाना-पानी, वायरस या बैक्टीरिया का संक्रमण। इसमें लगातार दस्त, पेट दर्द, बुखार और कमजोरी देखी जाती है। इससे बचाव के लिए हमेशा उबला या शुद्ध पानी पिएं, ताज़ा और ढका हुआ भोजन खाएं, बार-बार हाथ धोएं, और लक्षण दिखने पर तुरंत ओआरएस या डॉक्टर की सलाह लें।

टाइफाइड

टाइफाइड सैल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होने वाला संक्रामक रोग है। यह दूषित पानी, गंदे भोजन और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। इसके प्रमुख लक्षणों में लगातार तेज़ बुखार, पेट दर्द, सिरदर्द, दस्त या कब्ज़, भूख न लगना और अत्यधिक थकान शामिल हैं। यदि समय पर इलाज न मिले तो आंतों में छेद जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। इससे बचाव के लिए हमेशा स्वच्छ और उबला पानी पिएं, हाथ धोकर भोजन करें, बाहर का कच्चा या अधपका खाना न खाएं, और टाइफाइड वैक्सीन लगवाना न भूलें।

स्किन डिजीज

बरसात के मौसम में लगातार गीलापन और नमी के कारण फंगल व बैक्टीरियल स्किन इन्फेक्शन तेजी से फैलते हैं। गंदे या गीले कपड़े देर तक पहनने, पानी में लंबे समय तक रहने और पसीने की सफाई न करने से यह समस्या बढ़ती है। इसके कारण खुजली, लाल चकत्ते, त्वचा पर दाने, पस या फोड़े, दुर्गंध, त्वचा का छिलना और जलन जैसे लक्षण दिखते है। गंभीर मामलों में दर्द और सूजन भी हो सकती है। इससे बचाव के लिए बारिश में भीगने के बाद तुरंत सूखे कपड़े पहने, शरीर को साफ व सूखा रखें, एंटीफंगल पाउडर या क्रीम का उपयोग करें और व्यक्तिगत वस्तुएं जैसे तौलिया व कपड़े साझा न करें। लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

डॉ. तुषार तायल कहते हैं कि इन मामूली लक्षणों को कभी भी हल्क मत समझें। भले ही शुरुआत में मामूली लक्षण दिखें लेकिन तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। शुरुआत में डॉक्टर मामूली एंटीबायोटिक से ठीक कर देंगे लेकिन बाद में यही बीमारियां जानलेवा साबित हो जाते हैं। 

दिल की तरह काम करती हैं हमारी पिंडलियां, Calf Muscles में दर्द यानी हार्ट पर खतरा, 5 एक्सरसाइज़ से लाएं पिंडली की मांसपेशियों में जान जानिए कैसे ये एक्सरसाइज दिल को रखती हैं हेल्दी। जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें।