पहले हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था, लेकिन आजकल के समय में कम उम्र में ही लोगों को हार्ट अटैक पड़ रहा है। हाल ही में 35 वर्षीय माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर प्रतीक पांडेय की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह तनाव और ओवरवर्क से जूझ रहे थे, लेकिन कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं थी। अधिक तनाव के चलते ही उन्हें हार्ट अटैक आया। दरअसल, आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, तनाव और गलत आदतें युवाओं को भी समय से पहले हार्ट से जुड़ी बीमारियां अपनी चपेट में ला रही हैं।

राजीव गांधी अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि 30 की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के शुरुआती लक्षण पहले ही शरीर में दिखाई दे देते हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। चलिए आपको बताते हैं आजकल युवाओं को क्या हार्ट अटैक आ रहा है। इसके अलावा हार्ट की समस्या से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

छाती में बार-बार बेचैनी

दिल के दौरे का संकेत देने के लिए सीने में तेज और असहनीय दर्द होना जरूरी है। दरअसल, यह बेचैनी हल्की भी हो सकती है, जिसे अक्सर एसिडिटी, मांसपेशियों में खिंचाव या सिर्फ काम का तनाव समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। युवाओं में यह दर्द आता-जाता रह सकता है और शायद दर्द जैसा भी न लगे, बल्कि यह भारीपन, जकड़न या जलन जैसा हो सकता है। अगर, यह तकलीफ बार-बार हो रही है, तो डॉक्टर से जरूर मिलें।

सामान्य थकान से अलग सांस फूलना

युवा सोचते हैं कि सांस फूलना सिर्फ बुज़ुर्गों या फेफड़े की बीमारी वालों में होता है, लेकिन हल्की एक्टिविटी के बाद या आराम करते वक्त भी सांस फूलना हार्ट की कमजोरी का संकेत हो सकता है। अक्सर यह छाती के दर्द से पहले नजर आता है। 30 की उम्र में बिना किसी कारण के सांस फूलना, खासकर हल्की-फुल्की गतिविधि के बाद या आराम करते समय भी एक खतरे का संकेत हो सकता है।

बिना वजह पसीना आना

पसीना आना केवल गर्मी, एक्सरसाइज या नर्वसनेस से जुड़ा नहीं है। अगर ऑफिस में बैठते हुए या रात में नींद से जागने पर ठंडा पसीना आ रहा है, तो यह दिल की परेशानी का संकेत हो सकता है। लंबे समय तक स्ट्रेस और ओवरवर्क हार्ट पर दबाव डाल सकते हैं।

जबड़े, गर्दन या कंधे में दर्द

अधिकतर लोग मानते हैं कि हार्ट अटैक में केवल छाती में दर्द होता है। असल में दिल की परेशानी का दर्द जबड़े, गर्दन, पीठ या कंधों तक फैल सकता है। यह असामान्य लक्षण अक्सर हार्ट अटैक की पहचान को देर से कराता है।

अलग तरह की थकान

आजकल हर कोई थकान को काम और तनाव से जोड़ता है, लेकिन हार्ट से जुड़ी थकान अलग होती है। आराम करने के बाद भी खत्म नहीं होती और रोजमर्रा के काम मुश्किल लगने लगते हैं। यह संकेत है कि मांसपेशियों तक पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है।

अपच जो अपच नहीं है

कई बार हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण अपच, पेट में भारीपन या मिचली जैसे लगते हैं। खासकर युवाओं में हार्ट डिस्टर्बेंस का यह पहला संकेत हो सकता है। लोग इसे एंटासिड से ठीक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन असल में दिल धीरे-धीरे कमजोर हो रहा होता है।

इसके अलावा सुबह उठते ही कुछ लक्षण दिखाई देने पर भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना अधिक हो जाती है, इन साइन को भी इग्नोर करना आपके लिए भारी पड़ सकता है।