कोरोना के बढ़ते मामलों का सबसे ज्यादा असर लोगों की मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर महिलाओं को अधिक प्रभावित कर रही है। एक तरफ जहां डॉक्टर्स इस बीमारी को हराने में अपनी पूरी जी-जान से लगे हुए हैं। वहीं, तनाव और चिंता के कारण महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। कोविड से रिकवर होने के बाद भी महिलाएं हार्ट संबंधी बीमारियों का शिकार हो रही हैं।
बता दें, दिल की बीमारी का खतरा महिलाओं के मुकाबले सबसे ज्यादा पुरुषों में होता है। लेकिन कोरोना काल में यह स्थिति बदल गई है। अब महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों की तुलना में 9 प्रतिशत बढ़ गया है। ऐसे में महिलाओं को अपने दिल का ख्याल रखने की सबसे ज्यादा जरूरत है।
दिल को हेल्दी रखने के लिए खानपान में बदलाव करने के साथ-साथ जीवनशैली में परिवर्तन करना भी काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में आप अपनी रूटीन में योग और प्राणायाम शामिल कर सकते हैं।
-भस्त्रिका प्राणायाम: भस्त्रिका प्राणायाम को तीन तरीकों से किया जाता है। इस प्राणायाम को करीब 5 मिनट के लिए करना चाहिए। पहली बार में 5 सेकेंड के लिए सांस लें और 5 सेकेंड में सांस छोड़ दें। फिर दूसरी बारी में ढाई सेकेंड के लिए सांस लेकर छोड़ दें और तीसरी बार में तेजी से सांस लें और छोड़ दें।
यह प्राणायाम नियमित तौर पर करने से अस्थमा, दिल की बीमारी, टीवी, बीपी और लिवर सिरोसिर जैसी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
-अनुलोम विलोम: सांस को नियंत्रित और दिल को दुरुस्त रखने के लिए अनुलोम-विलोम काफी कारगर है। इसके लिए सबसे पहले अपनी कमर को सीधा करके बैठ जाएं और आंख बंद कर लें। इसके बाद दाएं हाथ की सबसे छोटी उंगली को अपनी नाक पर एक तरफ रखें और अंगूठे को दाएं नथुना पर लगा लें। बाएं नथुना से सांस भरते हुए दाएं नथुना से सांस बाहर निकाले। बता दें, अनुलोम विलोम के करीब 5 राउंड एक साथ करना चाहिए।
इस आयुर्वेदिक काढ़े का करें सेवन: दिल को दुरुस्त रखने के लिए अर्जुन के पेड़ की छाल और दालचीनी से बने काढ़े का रोजाना सेवन करें। इसके अलावा आप नियमित तौर पर लौकी का जूस का भी सेवन कर सकते हैं। इससे दिल के साथ-साथ लंग्स और किडनी भी स्वस्थ रहेंगे।