जब इम्यूनिटी सपोर्ट की बात आती है, तो ज़्यादातर लोग जिंक और विटामिन C को सबसे भरोसेमंद पोषक तत्व मानते हैं। ये दोनों न्यूट्रिएंट्स अलग-अलग तरीके से शरीर पर असर डालते हैं, लेकिन साथ लेने पर इनका प्रभाव और भी बेहतर हो जाता है। विटामिन C इम्यून सिस्टम को एक्टिव रखता है और सफेद रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) की कार्यक्षमता बढ़ाता है, जो वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में अहम भूमिका निभाती हैं। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है, जो शरीर को इंफेक्शन, प्रदूषण और तनाव से होने वाले नुकसान से बचाता है। बीमार होने पर विटामिन C सूजन कम करता है और शरीर की रिकवरी प्रक्रिया को तेज करता है।
वहीं जिंक इम्यून कोशिकाओं के निर्माण और उनके सही कामकाज के लिए जरूरी है। यह नाक, गले और फेफड़ों की अंदरूनी परत को मजबूत बनाए रखता है, जो कीटाणुओं के खिलाफ शरीर की पहली सुरक्षा दीवार होती है। जिंक की कमी होने पर इम्यूनिटी कमजोर पड़ सकती है और बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जब जिंक और विटामिन C साथ लिए जाते हैं, तो इम्यून सिस्टम ज्यादा संतुलित और प्रभावी तरीके से काम करता है। यही वजह है कि सर्दी-जुकाम और वायरल इंफेक्शन से बचाव के लिए डॉक्टर अक्सर इन दोनों पोषक तत्वों को डाइट या सप्लीमेंट के जरिए लेने की सलाह देते हैं।
विटामिन C और जिंक में क्या फर्क है?
विटामिन C इम्यून सिस्टम को एक्टिव और अलर्ट रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह श्वेत रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) के बनने और उनके सही तरीके से काम करने में मदद करता है, जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता हैं। साथ ही यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो तनाव, प्रदूषण और संक्रमण से इम्यून सेल्स को होने वाले नुकसान से बचाता है। बीमारी के दौरान विटामिन C इम्यून सेल्स को इंफेक्शन वाली जगह तक जल्दी पहुंचने में मदद करता है और टिश्यू हीलिंग को सपोर्ट करता है।
जिंक इम्यून सेल्स के विकास और उनकी कार्यक्षमता के लिए जरूरी मिनरल है। यह शरीर में इम्यून सेल्स के निर्माण और आपसी कम्युनिकेशन को बेहतर बनाता है। जिंक नाक, गले और फेफड़ों की अंदरूनी परत (लाइनिंग) को मजबूत रखता है, जो कीटाणुओं के खिलाफ पहली सुरक्षा दीवार होती है। शरीर में जिंक की कमी होने पर यह सुरक्षा कमजोर पड़ जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और वायरस-बैक्टीरिया से लड़ना मुश्किल हो जाता है।
दोनों साथ क्यों ज्यादा असरदार हैं?
जब जिंक और विटामिन C को साथ लिया जाता है, तो इम्युनिटी संतुलित और मजबूत होती है। विटामिन C इम्यून सेल्स को ज्यादा एक्टिव करता है, जबकि जिंक यह सुनिश्चित करता है कि ये सेल्स सही तरह से विकसित हों और प्रभावी ढंग से काम करें। यही वजह है कि सर्दी-जुकाम और फ्लू से जुड़ी कई दवाओं और सप्लीमेंट्स में ये दोनों एक साथ शामिल होते हैं।
सावधानी जरूरी है
कई रिसर्ट बताती हैं कि जिंक और विटामिन C आम सर्दी-जुकाम को पूरी तरह रोक नहीं सकते, लेकिन इसके नियमित सेवन या बीमारी की शुरुआत में लेने से लक्षणों की गंभीरता और अवधि कम हो सकती है। जिंक वायरस की एक्टिविटी को सीमित कर रिकवरी को तेज करता है, जबकि विटामिन C सूजन, थकान और कमजोरी को कम करने में मदद करता है। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, दिल्ली इंटरनल मेडिसिन में सीनियर कंसल्टेंट में डॉ. राकेश गुप्ता के मुताबिक लंबे समय तक जिंक की बहुत अधिक डोज लेने से दूसरे मिनरल्स के अवशोषण में रुकावट आ सकती है और इम्यूनिटी कमजोर भी हो सकती है। इसकी ज्यादा मात्रा हमेशा बेहतर नहीं होती।
लंबे समय तक जिंक की बहुत अधिक डोज लेने से दूसरे मिनरल्स के अवशोषण में रुकावट आ सकती है और इम्युनिटी कमजोर भी हो सकती है। वहीं, ज्यादा विटामिन C लेने से कुछ लोगों में पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना तय मात्रा से ज्यादा सेवन न करें।
जिंक को खाली पेट लेने से पेट में जलन या परेशानी हो सकती है, इसलिए इसे भोजन के बाद लेना बेहतर है। कुछ दवाएं, जैसे एंटीबायोटिक्स या डाइयूरेटिक्स, जिंक और विटामिन C के साथ इंटरैक्ट कर सकती हैं, इस बात का भी ध्यान रखें।
निष्कर्ष
सही मात्रा में लिए जाने पर जिंक और विटामिन C सुरक्षित और फायदेमंद हैं, लेकिन ये किसी हेल्दी लाइफस्टाइल का विकल्प नहीं हैं। पर्याप्त नींद, संतुलित आहार, नियमित एक्सरसाइज और तनाव नियंत्रण भी इम्युनिटी के लिए उतने ही जरूरी हैं। समझदारी से इस्तेमाल करने पर जिंक और विटामिन C मिलकर आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत और रिस्पॉन्सिव बनाए रखते हैं।
(इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राकेश गुप्ता )
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