यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक ऐसा अपशिष्ट पदार्थ है जो शरीर में मौजूद प्यूरीन (Purine) नामक तत्व के टूटने से बनता है। आमतौर पर किडनी इसे फिल्टर करके पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है या किडनी इसे सही तरीके से बाहर नहीं निकाल पाती, तो इसका स्तर खून में बढ़ जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने की इस स्थिति को हाइपरयूरिसीमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है। लंबे समय तक अगर इसे कंट्रोल न किया जाए, तो यह कई गंभीर समस्याओं की वजह बन सकता है।

बढ़ा हुआ यूरिक एसिड क्यों है खतरनाक?

  • जब ब्लड में यूरिक एसिड ज्यादा हो जाता है, तो इसके छोटे-छोटे क्रिस्टल बनने लगते हैं। ये क्रिस्टल जोड़ों में जमा होकर गाउट (Gout) जैसी दर्दनाक गठिया की समस्या पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा यूरिक एसिड हाई होने से
  • किडनी स्टोन का खतरा बढ़ जाता है
  • जोड़ों और हड्डियों में सूजन व तेज दर्द हो सकता है
  • दिल और किडनी से जुड़ी बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है, इसलिए यूरिक एसिड को समय रहते कंट्रोल करना बेहद जरूरी है।

किन फूड्स से बढ़ता है यूरिक एसिड?

कुछ फूड्स में प्यूरीन की मात्रा ज्यादा होती है, जिनका अधिक सेवन यूरिक एसिड को तेजी से बढ़ा सकता है जैसे रेड मीट, सी फूड जैसे झींगा, झींगा मछली, सार्डिन, सैल्मन। हाई फ्रुक्टोज वाले प्रोसेस्ड फूड्स, कुछ दालें और अत्यधिक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन करने से यूरिक एसिड का स्तर हाई होता है।

यूरिक एसिड कंट्रोल में कैसे मदद करता है अखरोट?

अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसे यूरिक एसिड के मरीज सीमित मात्रा में सुरक्षित रूप से खा सकते हैं। ये लो-प्यूरीन फूड है यानी यह यूरिक एसिड को बढ़ाता नहीं है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अखरोट सूजन को कम करने में मदद करता है, गाउट के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द में राहत दे सकता है। इसका सेवन करने से शरीर में मौजूद इंफ्लेमेशन कंट्रोल रहता है। ये नट किडनी पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालता।  अखरोट यूरिक एसिड को सीधे खत्म नहीं करता, लेकिन यह उसके असर को कम करने और स्तर को बैलेंस रखने में मदद करता है। 

American Journal of Clinical Nutrition में प्रकाशित शोध के अनुसार, अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड (ALA) और पॉलीफेनोल्स का बेहतरीन स्रोत है। यूरिक एसिड बढ़ने पर क्रिस्टल्स जोड़ों में जमा होकर सूजन पैदा करते हैं। अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इस सूजन (Gout Inflammation) को कम करने में मदद करते हैं, जिससे यूरिक एसिड का दर्द कम होता है। Journal of Nutrition के एक अध्ययन के अनुसार अखरोट का सेवन शरीर के लिपिड प्रोफाइल और ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है। जब रक्त का संचार बेहतर होता है, तो किडनियां (Kidneys) खून को बेहतर तरीके से फिल्टर कर पाती हैं। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त यूरिक एसिड पेशाब के रास्ते बाहर निकालने में मदद मिलती है।

मेडिकल साइंस यह मानती है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ने से यूरिक एसिड का स्तर भी बढ़ता है। अखरोट पर हुए शोध बताते हैं कि ये इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाता है। जब शरीर में इंसुलिन लेवल संतुलित रहता है, तो किडनी द्वारा यूरिक एसिड को शरीर में वापस सोखने (Reabsorption) की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।

रोजाना कितना अखरोट खाना सही है?

यूरिक एसिड के मरीजों के लिए रोजाना 2–3 अखरोट पर्याप्त होते हैं। ज्यादा मात्रा में अखरोट खाने से कैलोरी बढ़ सकती है, इसलिए संतुलन जरूरी है।

कैसे सेवन करें

  • रात को भिगोकर सुबह खाना बेहतर
  • स्मूदी या सलाद में मिलाकर खा सकते हैं
  • नमक या शुगर वाले अखरोट से बचें

निष्कर्ष

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए सही डाइट, पर्याप्त पानी पीना और हेल्दी लाइफस्टाइल बेहद जरूरी है। अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स सूजन कम करने और गाउट के लक्षणों से राहत देने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यह इलाज नहीं है।

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