ब्लैडर कैंसर यानी मूत्राशय का कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षणों की शुरुआत में पहचान करना मुश्किल होता है। मूत्राशय कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें कैंसर कोशिकाएं मूत्राशय के ऊतकों में बनती हैं। मूत्राशय एक खोखला अंग होता है जो पेशाब को संग्रहित करता है। यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा होती है। पुरुषों में 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में ये कैंसर ज्यादा होता है।

हेल्थलाइन के मुताबिक इस कैंसर के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं जैसे अधिक धूम्रपान करना, केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट जैसे डाई, प्लास्टिक, रबर, लेदर, पेट्रोलियम उत्पादों के अधिक संपर्क में आना, बार-बार UTI होना, रेडिएशन और कीमोथेरेपी की फैमिली हिस्ट्री,जेनेटिक कारण,आयु और लिंग इस बीमारी के प्रमुख कारण बनते हैं। यूरीन में खून आना, बार-बार पेशाब करने की इच्छा या पेशाब में जलन जैसी समस्याएं होना ब्लैडर कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।

मूत्राशय कैंसर के पांच ऐसे लक्षण हैं जो शुरू में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरंत गंभीरता से लेना चाहिए। हालांकि ये लक्षण केवल इसी बीमारी से संबंधित नहीं होते उसके और भी कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि ब्लैडर कैंसर के शुरुआती लक्षण कौन-कौन से होते हैं।

बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)

मूत्राशय कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक बार-बार पेशाब आना हो सकता है। अगर आपके पानी पीने की मात्रा सीमित है और उसके बावजूद आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है तो ये परेशानी की बात है। कभी-कभी आपको पेशाब की अचानक और तेज इच्छा हो सकती है जिसे आपको रोकना मुश्किल होता है। यह लक्षण अक्सर UTI या overactive bladder जैसी आम समस्याओं की तरह लगते है जिसे कैंसर के वार्निंग साइन के रूप में नहीं पहचाना जा सकता। अगर यह बदलाव कई हफ्तों तक बना रहे या इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह मूत्राशय में सूजन या किसी प्रकार की ग्रोथ का संकेत हो सकता है, जिनकी डॉक्टर द्वारा जांच और इलाज जरूरी है।

पेशाब के दौरान जलन या दर्द होना (Pain or Burning During Urination)

पेशाब करते समय दर्द या जलन महसूस होना भी मूत्राशय कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। हालांकि यह लक्षण अक्सर यूटीआई जैसी सामान्य बीमारियों से जुड़ा माना जाता है, लेकिन मूत्राशय कैंसर में भी ऐसा हो सकता है क्योंकि कैंसर मूत्राशय की भीतरी परत में सूजन या जलन पैदा कर सकता है। यूटीआई आमतौर पर एंटीबायोटिक से जल्दी ठीक हो जाता है, लेकिन अगर दर्द लंबे समय तक बना रहे या कुछ हफ्तों के बाद बार-बार लौट कर आए, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। अगर पेशाब में जलन के साथ यूरिन में खून भी आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

पेशाब की तीव्र इच्छा महसूस होना, लेकिन पेशाब न आना

ब्लैडर कैंसर के कारण कई बार ऐसा महसूस होता है कि आपको पेशाब आ रहा है लेकिन आपको पेशाब आता नहीं है और ब्लैडर लगभग खाली होता है। यह लक्षण भी अक्सर मूत्र संक्रमण (UTI)  से मिलते-जुलते होने के कारण भ्रमित कर सकते है। बार-बार यूरिन करने की इच्छा होने के लिए मूत्राशय में मौजूद गांठें या असामान्य वृद्धि मूत्राशय की नसों को उत्तेजित कर सकती हैं या इसकी क्षमता को कम कर सकती हैं, जिससे मस्तिष्क को गलत संकेत मिलने लगते हैं। यूरीन में दिखने वाले इस लक्षण को बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करें।

पीठ या पेल्विक एरिया में दर्द होना (Lower Back / Pelvic Pain)

मूत्राशय कैंसर के शुरुआती दौर में आमतौर पर दर्द नहीं होता, लेकिन जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है आपको पीठ के नीचे हिस्से में या पेल्विक एरिया में असहजता या लगातार हल्का दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द अक्सर धीमा और लगातार बना रहने वाला होता है और कई बार इसे मांसपेशियों में खिंचाव या अन्य सामान्य समस्याओं के रूप में गलत समझ लिया जाता है। इन क्षेत्रों में दर्द तब हो सकता है जब कैंसर मूत्राशय की दीवार में गहराई तक फैल गया हो या आसपास के ऊतकों को प्रभावित करने लगा हो।

यूरिन के रंग में बदलाव होना

नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के मुताबिक मूत्र में खून दिखाई देना मूत्राशय कैंसर का एक जाना-पहचाना लक्षण है, वहीं कभी-कभी मूत्र सामान्य दिखाई देता है, लेकिन उसमें बहुत थोड़ी मात्रा में खून हो सकता है जिसे केवल लैब टेस्ट के जरिए ही पहचाना जा सकता है। ऐसे मामलों में मूत्र में लाल या गुलाबी रंग साफ दिखाई नहीं देता, बल्कि मूत्र का रंग हल्का गंदला या असामान्य लग सकता है, जो अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यूरीन में दिखने वाले इन लक्षणों की जांच कराना जरूरी है।

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