हमारी बॉडी में हार्मोन का संतुलन हमारी मेंटल हेल्थ, मूड और ब्रेन फंक्शन को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। जब ये हार्मोन सही मात्रा में बनते हैं, तो व्यक्ति खुश, शांत और फोकस्ड महसूस करता है। वहीं असंतुलन होने पर चिड़चिड़ापन, तनाव, उदासी और एंग्जायटी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासतौर पर दो हार्मोन ऐसे हैं, जो खुश रहने और दुखी महसूस करने में अहम भूमिका निभाते हैं सेरोटोनिन और डोपामिन।
सेरोटोनिन (Serotonin)
सेरोटोनिन को फील-गुड हार्मोन कहा जाता है। ये मूड को स्थिर रखने, अच्छी नींद, भूख नियंत्रण और इमोशनल बैलेंस में मदद करता है। सेरोटोनिन का निर्माण मुख्य रूप से आंत (Gut) में होता है और इसके लिए अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन की जरूरत होती है,जो हमें डाइट से मिलता है। लाइफस्टाइल और डाइट से सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है।
डोपामाइन (Dopamine)
डोपामाइन को मोटिवेशन और रिवॉर्ड हार्मोन कहा जाता है। यह खुशी, आत्मविश्वास, एकाग्रता और लक्ष्य हासिल करने की भावना से जुड़ा होता है। डोपामिन का निर्माण दिमाग में टायरोसिन नाम के अमीनो एसिड से होता है, जो प्रोटीन युक्त फूड्स का सेवन करने से बनता है।
भारतीय योग गुरु, लेखक, शोधकर्ता और टीवी पर्सनालिटी डॉक्टर हंसा योगेंद्र (Hansa Yogendra) के मुताबिक आपकी बॉडी में सेरोटोनिन हॉर्मोन की कमी होने पर न सिर्फ आपका मूड खराब होता है बल्कि आपकी नींद और सेहत भी बिगड़ने लगती है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संदेश भेजता है। शोध बताते हैं कि इसे बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव जरूरी है। बॉडी में सेरोटोनिन हॉर्मोन को बढ़ाने के लिए कुछ फूड्स और हेबिट्स बेहद असरदार साबित होती हैं। आइए जानते हैं कि बॉडी में खुशी का हॉर्मोन बढ़ाने के लिए क्या-क्या करें।
धूप में बैठें
सूरज की रोशनी मस्तिष्क को सेरोटोनिन रिलीज करने के लिए ट्रिगर करती है। सूरज की रोशनी और मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है। विज्ञान और कई बड़े शोध यह प्रमाणित कर चुके हैं कि जब सूर्य का प्रकाश हमारी आंखों के संपर्क में आता है, तो यह सीधे मस्तिष्क को सेरोटोनिन (Serotonin) बनाने का निर्देश देता है। जब सूरज की रोशनी रेटिना (Retina) पर पड़ती है, तो यह ऑप्टिक नर्व के जरिए मस्तिष्क के हाइपोथैलेमस हिस्से को सक्रिय करती है। यह संकेत मस्तिष्क को बताता है कि अब दिन का समय है और सेरोटोनिन का उत्पादन शुरू होना चाहिए। सेरोटोनिन ही वह केमिकल है जो हमें सतर्क, खुश और शांत रखता है। द लांसेट (The Lancet) में प्रकाशित एक प्रसिद्ध ऑस्ट्रेलियाई शोध में पाया गया कि लोगों के खून में सेरोटोनिन का स्तर सर्दियों की तुलना में गर्मियों में जब धूप ज्यादा होती है काफी अधिक था। धूप कम होने पर लोग ‘सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर’ (SAD) या विंटर डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
सूर्य नमस्कार
सूर्य की ओर मुख करके किया गया सूर्य नमस्कार सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाने का एक प्रभावी प्राकृतिक तरीका है। सुबह के समय सूर्य की रोशनी के संपर्क में आकर शरीर में खुशी से जुड़े केमिकल्स एक्टिव होते हैं। सूर्य नमस्कार को यदि सही क्रम और नियमित रूप से किया जाए, तो ये दिल की सेहत को मजबूत करता है, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाता है और एक बेहतरीन कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज की तरह काम करता है।
ट्रिप्टोफैन युक्त डाइट का सेवन करें
सेरोटोनिन के निर्माण के लिए शरीर को ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है, जो भोजन से मिलता है। ट्रिप्टोफैन दिमाग में पहुंचकर सेरोटोनिन बनाने की प्रक्रिया को सपोर्ट करता है, जिससे मूड बेहतर होता है और मानसिक संतुलन बना रहता है। दूध, रागी, केला, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और बीज ट्रिप्टोफैन के अच्छे स्रोत हैं। इन्हें नियमित डाइट में शामिल करने से तनाव कम होता है और खुश रहने में मदद मिलती है।
नियमित ध्यान करें
नियमित ध्यान यानी मेडिटेशन दिमाग को शांत रखने और मानसिक संतुलन बनाए रखने का आसान व प्रभावी तरीका है। रोज़ाना केवल कुछ मिनट ध्यान करने से तनाव कम होता है और सेरोटोनिन जैसे हैप्पी हार्मोन का स्तर बेहतर होता है। मेडिटेशन मन को वर्तमान में लाता है, नकारात्मक विचारों को कम करता है और जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच भी व्यक्ति को शांत, स्थिर और आनंदित बनाए रखने में मदद करता है।
खुलकर हंसे हैप्पी हॉर्मोन रिलीज होंगे
खुलकर और जोर से हंसना मानसिक सेहत के लिए एक प्राकृतिक दवा की तरह काम करता है। जब हम हंसते हैं, तो दिमाग में सेरोटोनिन और एंडोर्फिन जैसे खुशी के केमिकल्स एक्टिव हो जाते हैं, जिससे तनाव और चिंता कम होती है। हंसना ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है, मूड को तुरंत सुधारता है और मन को हल्का महसूस कराता है। रोज़मर्रा की जिंदगी में हंसने की आदत अपनाने से मानसिक संतुलन और खुशी दोनों बढ़ती हैं।
गट हेल्थ में करें सुधार
गट हेल्थ यानी आंतों की सेहत का सीधा संबंध सेरोटोनिन से होता है, क्योंकि शरीर का लगभग 90 प्रतिशत सेरोटोनिन आंतों में ही बनता है। जब गट हेल्दी रहता है, तो मूड और मानसिक सेहत भी बेहतर रहती है। इसके लिए प्रोबायोटिक्स युक्त फूड्स जैसे दही, छाछ और फर्मेंटेड फूड्स का सेवन जरूरी है। ये अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, पाचन सुधारते हैं और तनाव कम करने में मदद करते हैं।
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