पीले दांत होना आज के समय में एक आम समस्या बन चुकी है, जिसके पीछे खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल बड़ी वजह माने जाते हैं। रोज़मर्रा की डाइट में ज्यादा कलर वाली चीज़ें, जैसे चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स, पान-मसाला और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन दांतों पर धीरे-धीरे दाग छोड़ देता है। इसके अलावा स्मोकिंग और तंबाकू का इस्तेमाल दांतों की प्राकृतिक सफेदी को नुकसान पहुंचाता है और उन्हें पीला या भूरा बना देता है।
कई लोग खाने के बाद कुल्ला नहीं करते, जिससे खाने के कण दांतों की सतह पर चिपक जाते हैं। यही कण बैक्टीरिया के साथ मिलकर प्लैक बनाते हैं, जो समय के साथ दांतों की रंगत बिगाड़ने के साथ-साथ कैविटी और मसूड़ों की समस्या का कारण भी बन सकता है। ओरल हाइजीन की कमी, जैसे दिन में दो बार ब्रश न करना, फ्लॉसिंग न करना और माउथवॉश का इस्तेमाल न करना भी दांतों के पीलेपन को बढ़ाता है।
इसके अलावा शरीर में कैल्शियम की कमी, ज्यादा मीठा खाना, बार-बार सॉफ्ट ड्रिंक्स पीना और पानी कम पीना भी दांतों के इनेमल को कमजोर कर देता है। जब इनेमल पतला होता है तो दांतों की अंदरूनी परत (डेंटिन) का पीला रंग बाहर से दिखने लगता है, जिससे दांत और ज्यादा पीले नजर आने लगते हैं। उम्र बढ़ने के साथ भी दांतों की सफेदी कम होना एक नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन गलत आदतें इस प्रक्रिया को तेज कर देती हैं।
अगर समय रहते दांतों की सही देखभाल न की जाए तो यह समस्या सिर्फ सौंदर्य तक सीमित नहीं रहती, बल्कि आगे चलकर सेंसिटिविटी, मसूड़ों से खून आना और कैविटी जैसी दिक्कतों का कारण भी बन सकती है। इसलिए संतुलित डाइट, सही ओरल केयर रूटीन और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना दांतों की नैचुरल सफेदी बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है।
रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एवं क्लिनिकल न्यूट्रिशन काउंसलर डॉ. जावेद खान ने बताया मुंह की स्मेल और दांतों में कैविटी यानी कीड़े को रोकने के लिए कुछ देसी नुस्खे बेहद असरदार साबित होते हैं जिनपर मेडिकल साइंस ने भी अपनी मोहर लगा दी है। लौंग और त्रिफला जैसे हर्ब दांतों की परेशानियों को दूर करने में बेहद असरदार साबित होते हैं। अगर रोज किसी एक नुस्खे को अपनाया जाए तो आसानी से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन कौन से ऐसे नुस्खें है जो हमारे दांतों को सफेद करते हैं और हमारी ओरल हेल्थ में सुधार कर सकते हैं।
दांतों को साफ करने के लिए होममेड त्रिफला पाउडर लगाएं
त्रिफला पाउडर (Triphala Powder) तीन फलों जैसे आंवला, हरीतकी और बहेड़ा से मिलकर बना है। ये मुंह के बैक्टीरिया को मारता है और ओरल हेल्थ में सुधार करता है। ये पाउडर मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों से खून आने की परेशानी का इलाज करते हैं। इस पाउडर का पेस्ट बनाकर दांतों पर लगाने से मुंह की बदबू कम होती है। ये पाउडर कैविटी के खतरे को कम करता है। NCBI (National Center for Biotechnology Information) पर कई क्लिनिकल स्टडी मौजूद हैं जिसमें बताया गया है कि त्रिफला माउथवॉश ने पायरिया (Periodontal disease) को रोकने और दांतों के पीलेपन को कम करने में केमिकल माउथवॉश के बराबर ही परिणाम दिए। त्रिफला में मौजूद टैनिन और विटामिन C मसूड़ों के कोलेजन को मजबूत करते हैं और दांतों की सफेदी को बरकरार रखते हैं।
लौंग पाउडर (Clove Powder) से करें दांतों को मसाज
लौंग का पाउडर दांतों को साफ करने में मदद करता है और नेचुरल पेन किलर की तरह काम करता है। एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर ये पाउडर दांत के दर्द और सेंसिटिविटी में राहत देता है। इस पाउडर को दांतों पर लगाने से मसूड़ें मजबूत होते हैं। लौंग का पाउडर मसूड़ों की बदबू पैदा करने वाले कीटाणुओं को मारता है। journal of Dentistry में प्रकाशित शोध के मुताबिक लौंग में ‘यूजेनॉल’ (Eugenol) होता हैं जो मसूड़ों की सूजन कम करने और दांतों के दर्द को दूर करने में प्रभावी होता है। चूहों और इंसानों पर किए गए अध्ययनों से पता चला है कि लौंग का तेल या पाउडर मुंह में मौजूद S. mutans (दांतों में सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया) की ग्रोथ को रोकता है। यह दांतों पर ‘प्लाक’ जमने नहीं देता।
जामुन के बीज का पाउडर लगाएं
जामुन के बीज का पाउडर लगाने से बैक्टीरिया की ग्रोथ कम होती है। ये पाउडर कैविटी और प्लैक से बचाव करता है और मसूड़ों को टाइट करता है। आप चाहें तो जामुन के पत्तों का पाउडर भी मिला सकते हैं।
सेंधा नमक (Rock Salt) से करें दांतों का मसाज
दांतों की पीली और काली परत हटाने के लिए आप सेंधा नमक से दांतों की मसाज करें। सेंधा नमक में हल्की अब्रेसिव क्लीनिंग गुण मौजूद होते हैं जो दांतों की नैचुरल सफेदी बनाए रखने में मददगार साबित होते हैं।
निष्कर्ष
पीले दांत केवल दिखावे की समस्या नहीं हैं, बल्कि यह खराब डाइट, गलत लाइफस्टाइल और ओरल हाइजीन की कमी का संकेत भी हो सकते हैं। अगर समय रहते सही देखभाल, संतुलित खानपान और अच्छी आदतें अपना ली जाएं, तो दांतों की रंगत और सेहत दोनों को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखा जा सकता है। नियमित ब्रशिंग, कुल्ला करना और हेल्दी लाइफस्टाइल ही दांतों को मजबूत और प्राकृतिक रूप से साफ रखने की कुंजी है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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