मेरे एक 40 वर्षीय मरीज को हार्ट अटैक हुआ, जबकि उसका LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल सिर्फ 55 mg/dL था। कार्डियोलॉजिस्ट के तौर पर हम मरीजों को यही सलाह देते हैं कि LDL को 70 mg/dL से नीचे रखें। 40 साल के इस मरीज में न तो मोटापा था, न स्मोकिंग, न डायबिटीज और न ही शराब की लत। फिर भी उसे हार्ट अटैक हुआ और धमनियां खोलने के लिए प्रोसीजर करना पड़ा। पहली नज़र में यह मेरे लिए भी ये हार्ट अटैक का एक असामान्य मामला था।
अब सवाल यह था कि जब LDL इतना सही था, तो दिक्कत कहां हुई?
असल में उसने अपनी रिपोर्ट में सिर्फ LDL पर ध्यान दिया और बाकी जरूरी आंकड़ों को नजरअंदाज कर दिया। LDL ही सब कुछ नहीं होता। जब हम कोलेस्ट्रॉल की बात करते हैं, तो पूरा फोकस LDL पर रहता है। लेकिन इसके साथ-साथ ट्राइग्लिसराइड और HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को देखना उतना ही जरूरी है। मेरे इस मरीज का ट्राइग्लिसराइड 325 mg/dL था और HDL सिर्फ 28 mg/dL।
अब यहां एक बहुत अहम पैरामीटर आता है Triglyceride-HDL Ratio जो ट्राइग्लिसराइड को HDL से भाग देकर निकाला जाता है।
- इसका आदर्श अनुपात 1 या उससे कम होता है।
4 से ऊपर को हाई रिस्क की श्रेणी में रखा जाता है। - पुरुषों में बेहतर रेंज- 1.85 से कम
- महिलाओं में 0.88 से कम होती है। मेरे मरीज में यह अनुपात 11 से भी ज्यादा था, जो बेहद खतरनाक संकेत है।
Triglyceride-HDL Ratio खतरनाक क्यों है?
जब ट्राइग्लिसराइड ज्यादा होते हैं, तो वे LDL की प्रकृति ही बदल देता हैं। ऐसे में LDL छोटे, घने और ज्यादा चिपचिपे हो जाते हैं। ये LDL आसानी से दिल की धमनियों की दीवारों में घुस जाता हैं, वहां ऑक्सीडाइज होकर प्लाक बना लेता हैं। ये प्लाक अस्थिर होते हैं, कभी भी टूट सकते हैं, जिससे धमनी में अचानक ब्लॉकेज हो जाता है और हार्ट अटैक हो सकता है। भले ही LDL की रिपोर्ट नॉर्मल क्यों न दिख रही हो। यानी ये अनुपात सिर्फ कोलेस्ट्रॉल नहीं, बल्कि सूजन और भविष्य के हार्ट रिस्क का भी संकेत देता है।
यह इंसुलिन रेजिस्टेंस का संकेत भी है। इस मरीज को यह भी नहीं पता था कि वह प्री-डायबिटीज की ओर बढ़ रहा है। हाई ट्राइग्लिसराइड-HDL रेशियो इंसुलिन रेजिस्टेंस का मजबूत संकेत होता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस में शरीर अतिरिक्त फैटी एसिड को ट्राइग्लिसराइड में बदल देता है, जो VLDL बनाकर धमनियों में प्लाक तैयार करता है। साथ ही यह HDL को भी कमजोर कर देता है, जिससे गुड कोलेस्ट्रॉल LDL को साफ नहीं कर पाता।
कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट को कैसे समझें?
सिर्फ LDL मत देखिए।
Total Cholesterol – HDL = Non-HDL Cholesterol यही वह कोलेस्ट्रॉल है जो धमनियों को ब्लॉक करता है।
डायबिटीज मरीजों के लिए लक्ष्य- 100 mg/dL
नॉन-डायबिटिक के लिए- 130 mg/dL
ट्राइग्लिसराइड कैसे कम करें?
- प्लाक पूरी तरह खत्म नहीं होता, लेकिन उसकी रफ्तार जरूर धीमी की जा सकती है। प्लाक को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें।
- शराब का सेवन सीमित करें, क्योंकि यह ट्राइग्लिसराइड तेजी से बढ़ाती है।
- बढ़ता वजन भी ट्राइग्लिसराइड को तेजी से बढ़ाता है, इसलिए वजन को कंट्रोल करें।
- नियमित एक्सरसाइज करें। रोज एक्सरसाइज करने से आप प्लाक को कंट्रोल कर सकते हैं।
- दवाओं की बात करें तो Statins LDL कोलेस्ट्रॉल कम करती हैं, ट्राइग्लिसराइड पर हल्का असर डालती हैं।
- ज्यादा ट्राइग्लिसराइड में डॉक्टर Fibrates, Omega-3 फैटी एसिड या Niacin देते हैं
निष्कर्ष
सिर्फ LDL अच्छा होना हार्ट अटैक से सुरक्षा की गारंटी नहीं है। अगर ट्राइग्लिसराइड ज्यादा और HDL कम है, तो खतरा बना रहता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल रिपोर्ट को पूरा पढ़ना और सही तरीके से समझना बेहद जरूरी है।
(स्पर्श अस्पताल, बेंगलुरु में प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा निदेशक डॉ. शेट्टी ने लिखा है ये लेख)
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