आधुनिक जीवनशैली में निरोग होना बहुत बड़ी उपलब्धि की तरह है। हालांकि, यह बहुत मुश्किल नहीं है। संतुलित खान-पान, नियमित व्यायाम और बीमारियों को लेकर सतर्क रहने की आदत को अपनाकर सेहतमंद रहा जा सकता है। कई बार बाहर से ऐसा लगता है कि हम पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन भीतर से कोई बीमारी हमें अपनी चपेट में लेने को तैयार रहती है। ऐसे में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। समय-समय पर शरीर की जांच करवाते रहना चाहिए कि कहीं आपके शरीर में चुपके से कोई बीमारी तो नहीं पल रही है। इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि पूरी तरह से स्वस्थ रहने के लिए आपको किन रोगों की जांच जरूर करवाते रहना चाहिए।
हिमोग्लोबिन टेस्ट – हिमोग्लोबिन टेस्ट में लाल रक्त कणितकाओं की मात्रा की जांच की जाती है। लाल रक्त कणिकाओं में ही हिमोग्लोबिन होता है जो शरीर के अन्य भागों में ऑक्सीजन के प्रवाह के लिए जिम्मेदार होता है। अगर आपके शरीर में आयरन की कमी होती है तो लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा भी कम हो जाती है। ऐसे में एनीमिया होने की संभावना होती है। ऐसे में हिमोग्लोबिन की जांच करवाते रहना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल टेस्ट – दिल की बीमारियों के लिए अक्सर सबसे बड़ी वजह कोल्स्ट्रॉल होता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिल की बीमारियां होती हैं। साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल टेस्ट जरूर कराना चाहिए।
ब्लड प्रेशर टेस्ट – पहले 40 साल की उम्र के बाद ही लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या होती थी लेकिन अब यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। व्यायाम से रक्तचाप को सामान्य रखा जा सकता है।
दांतों की जांच – हर 6 महीने में एक बार दांतों की जांच जरूर करवाना चाहिए। दांतों में संक्रमण होने की वजह से जिंजिवाइटिस, पायरिया आदि समस्याएं हो सकती हैं।
थॉयराइड टेस्ट – थॉयरराइड साइलेंट किलर के नाम से जाना जाता है। यह शरीर में चुपचाप प्रवे करती है। इसकी जांच के लिए खून का नमूना लिया जाता है और इसके जरिए थॉयराइड ग्रंथि की फंक्शनिंग की जांच की जाती है। थॉयराइड ग्रंथि गले में पाई जाती है और शरीर में होने वाले बदलावों को नियंत्रित करती है। साल में एक बार थॉयराइड टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
शुगर टेस्ट – शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से मधुमेह की बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में साल में कम से कम एक बार शुगर की जांच जरूर करानी चाहिए। यह टेस्ट किडनी के रोगों को पहचानने में भी मददगार होता है।

