लौंग एक सुगंधित और तीखा मसाला है, जो लौंग के पेड़ (Syzygium aromaticum) की सूखी फूल की कली से तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल भारतीय रसोई में सब्जी, दाल, चाय और गर्म मसाले में स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में लौंग को औषधीय मसाला माना गया है, जो पाचन, दांत दर्द, खांसी-जुकाम और इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी मानी जाती है। लौंग में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें कार्बोहाइड्रेट,फाइबर, प्रोटीन, फैट, विटामिन C, विटामिन K, कैल्शियम,आयरन,मैग्नीशियम,पोटैशियम और मैंगनीज मौजूद होता है जो सेहत को फायदा पहुंचाता है।

लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है, जो इसे दर्दनाशक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण देता है। रोजाना अगर दो लौंग का सेवन किया जाए तो बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन से बचाव होता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर दो लौंग का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है। मुंह और दांतों की सेहत के लिए दो लौंग को चबाना उपयोगी हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर विनोद शर्मा के मुताबिक अगर आप रोज दो लौंग से ज्यादा का सेवन करते हैं तो आपकी सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है। एक्सपर्ट ने बताया आमतौर पर दिन में 1–2 लौंग से ज्यादा नहीं खानी चाहिए। जरूरत से ज्यादा लौंग खाने से शरीर को ये 6 नुकसान हो सकते हैं।

ब्लड ज्यादा पतला हो सकता है

लौंग में नेचुरल ब्लड थिनिंग गुण पाए जाते हैं, जो खून को पतला करने का काम करते हैं। सीमित मात्रा में यह गुण फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ज्यादा लौंग खाने से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। खासकर जो लोग पहले से एस्पिरिन, वारफेरिन या अन्य ब्लड थिनर दवाइयां लेते हैं, उन्हें लौंग का अधिक सेवन नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में मामूली चोट पर भी ज्यादा खून बहने का रिस्क रहता है।

लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है

लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक तत्व पाया जाता है, जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। हालांकि इसकी अधिक मात्रा लिवर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। लंबे समय तक ज्यादा लौंग खाने से लिवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे लिवर डैमेज या टॉक्सिसिटी का खतरा बढ़ सकता है। खासकर जिन लोगों को पहले से लिवर से जुड़ी समस्या है, उन्हें लौंग का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

पाचन तंत्र बिगड़ सकता है

अधिक मात्रा में लौंग खाने से पाचन तंत्र पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इससे पेट दर्द, गैस, एसिडिटी, उल्टी, मिचली या डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लौंग की तासीर गर्म होती है, जो जरूरत से ज्यादा लेने पर पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा सकती है। कमजोर पाचन वाले लोगों में यह समस्या जल्दी देखी जा सकती है, इसलिए लौंग का सेवन संतुलित मात्रा में ही करना बेहतर होता है।

प्रेग्नेंसी में नुकसानदायक

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को लौंग का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। लौंग की तासीर गर्म होती है, जो प्रेग्नेंसी में दिक्कतें बढ़ा सकती है। ज्यादा मात्रा में लौंग खाने से पेट में जलन, ऐंठन या हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। कुछ मामलों में यह गर्भ से जुड़ी जटिलताओं का कारण भी बन सकती है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को लौंग या लौंग से बने प्रोडक्ट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।

लौंग का तेल मुंह में जलन कर सकता है

दांत दर्द में लौंग का तेल यानी Clove Oil अक्सर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसका अधिक या गलत तरीके से उपयोग नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादा मात्रा में लौंग का तेल लगाने से मुंह में जलन, छाले, सूजन या सुन्नपन हो सकता है। कुछ लोगों में यह मसूड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए लौंग के तेल को सीधे लगाने के बजाय हमेशा सीमित मात्रा में और सावधानी के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।

एलर्जी की समस्या हो सकती है

कुछ लोगों को लौंग या लौंग से बने उत्पादों से एलर्जी हो सकती है। ऐसे लोगों में लौंग खाने या लगाने से खुजली, त्वचा पर रैश, सूजन, मुंह में जलन या सांस लेने में दिक्कत जैसी एलर्जिक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में यह एलर्जी खतरनाक भी साबित हो सकती है। अगर लौंग लेने के बाद शरीर में किसी तरह की असहजता महसूस हो, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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