नया साल दहलीज पर खड़ा है और पुराने साल से जुड़ी शिकायतों का सिलसिला अब खत्म होने जा रहा है। बीता साल अपने साथ कई अनुभव, सीख और कुछ अधूरी इच्छाएं छोड़कर जा रहा है। साल के आखिरी दिन तक दिल में कई सवाल जहन को कुरेदते रहेंगे। आत्ममंथन का दौर 31 दिसंबर तक चलता रहेगा। 2025 में हममें से कई लोग ऐसे रहे, जिन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में सेहत को पीछे छोड़ दिया।

सेहत को नजरअंदाज करने का अर्थ ये नहीं कि हम बीमार थे, बल्कि यह कि हमने अपने शरीर को स्वस्थ और फिट बनाए रखने के लिए नियमित प्रयास नहीं किए। न समय पर खानपान का ध्यान रखा, न शारीरिक गतिविधि को जीवन का हिस्सा बनाया और न ही मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी।

लेकिन अब वक्त है बदलाव का। नए साल की शुरुआत को सिर्फ तारीख़ बदलने तक सीमित न रखें, बल्कि इसे हेल्दी लाइफस्टाइल की नई शुरुआत बनाएं। साल के पहले दिन से ही संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव कंट्रोल को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। याद रखें अच्छी सेहत ही वो पूंजी है, जो हर सपने को पूरा करने की ताकत देती है। नया साल खुद से किया गया यह वादा निभाने का सबसे अच्छा मौका है।

आप इस साल खुद को फिट रखना चाहते हैं और नए साल पर नया रिजॉल्यूशन लेना चाहते हैं तो आप सबसे पहले फिटनेस के इस फॉर्मूले को अपनी जिंदगी का मंत्र बना लें। 2026 में 7-7-7 का नियम अपनाएं तो आप पूरे साल फिट और हेल्दी रहेंगे। वजन रहेगा कंट्रोल, दिल रहेगा हेल्दी और बॉडी के सभी अंगों की हो जाएगी सफाई। जाने आखिर क्या है ये 7-7-7 का नियम जो हमारी बॉडी को हेल्दी और फिट रखने में मदद करेगा।

पहला ‘7’से मतलब है 7 घंटे की गहरी नींद (The Power of 7 Hours of Sleep)

नींद हमारी बॉडी को रिचार्ज करती है, ब्रेन को हेल्दी रखती है और तनाव को कंट्रोल करती है। रात की 7 घंटों की नींद वैज्ञानिक रूप से बॉडी और ब्रेन का रीसेट बटन है। Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism में प्रकाशित शोध बताते हैं कि 7 घंटे की पर्याप्त नींद शरीर में भूख को कंट्रोल करने वाले हार्मोन (लेप्टिन और ग्रेसलिन) और तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को संतुलित रखती है। नींद की कमी इन हार्मोनों को बिगाड़ देती है, जिससे मोटापा और तनाव बढ़ता है।

सात घंटों की नींद मस्तिष्क ग्लिम्फेटिक सिस्टम (Glymphatic System) नामक एक प्रणाली के माध्यम से दिनभर जमा हुए विषाक्त पदार्थों (Toxins) को बाहर निकालती है। यह प्रक्रिया मस्तिष्क के कार्य (Cognitive Function) और याददाश्त को बेहतर बनाती है।Diabetes Care में हुए अध्ययन से पता चला है कि अपर्याप्त नींद इंसुलिन संवेदनशीलता को कम कर सकती है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

दूसरा ‘7’ रोज 7,000 कदम पैदल चलना (7,000 Steps Daily)

पैदल चलना सबसे सरल और प्रभावी व्यायाम है। 7,000 कदम का लक्ष्य वैज्ञानिक रूप से सेहत के लिए अत्यधिक फायदेमंद माना गया है। JAMA Network Open में प्रकाशित एक बड़े अध्ययन के अनुसार रोजाना 7,000 कदम चलने वाले लोगों में हृदय रोग और कैंसर से मृत्यु का जोखिम उन लोगों की तुलना में 50-70% तक कम हो जाता है जो कम चलते हैं।
रोजाना सात हजार कदम चलने से कैलोरी तेजी से बर्न होती है।  7,000 कदम चलने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे शरीर में फैट जमा नहीं होता और वजन कंट्रोल रहता है। रोज पैदल चलने से बॉडी फौलाद बनती है। शारीरिक गतिविधि एंडोर्फिन (Endorphins) नामक ‘फील-गुड’ हार्मोन रिलीज करती है। यह तनाव और चिंता को कम कर मूड को बेहतर बनाता है।

तीसरा 7 शाम 7 बजे के बाद ‘नो-फूड।  (Intermittent Fasting & Early Dinner)

शाम 7 बजे के बाद भोजन न करना ‘इंटरमिटेंट फास्टिंग’ का एक सरल रूप है, जिसके साइंस बेस्ड सेहत के लिए फायदे हैं। Cell Metabolism में प्रकाशित शोध बताते हैं कि रात में पाचन तंत्र को पर्याप्त आराम देने से शरीर को भोजन पचाने के बजाय मरम्मत और डिटॉक्सिफिकेशन पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिलता है। जल्दी रात का खाना खाने और सुबह के नाश्ते के बीच 12-14 घंटे एक लंबा गैप शरीर में जमा फैट को (Stored Fat) ऊर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। देर रात खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। जल्दी खाना खाने से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है और टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम कम होता है।

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