भारत में बढ़ते डायबिटीज के मरीजों को देखते हुए इसे दुनिया की डायबिटिक राजधानी कहा जाता है। मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो बिगड़ी हुई जीवनशैली और खराब खानपान की वजह से होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह एक लाइलाज बीमारी है। लेकिन लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करके इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।

मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति अपने ब्लड शुगर का स्तर जांचने के लिए फास्टिंग और खाना खाने के बाद ब्लड टेस्ट करवाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि 3 महीने पर भी इसका टेस्ट कराया जा सकता है और वह भी स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। आइए जानते हैं इसके बारे में-

क्या होता है HbA1c टेस्ट?

3 महीने के अंतराल पर एक टेस्ट कराया जाता है, जिसे HbA1c टेस्ट के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब हीमोग्लोबिन A1c है। यह टेस्ट खाने के बाद और बिना खाना खाए ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट से अलग होता है। इसे उन परीक्षणों की तुलना में अधिक विश्वसनीय माना जाता है जो केवल भोजन से ठीक पहले या बाद में रक्त शर्करा के स्तर के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। HbA1c लंबे समय तक ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

बता दें कि HbA1c परीक्षण में, पिछले 3 महीनों के औसत रक्त शर्करा का स्तर रक्त में मौजूद ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन की मात्रा की जांच करके निर्धारित किया जाता है। जब आप अपना ब्लड शुगर लेवल खुद चेक करते हैं, तो यह केवल टेस्ट के समय ब्लड शुगर लेवल दिखाता है।

HbA1c के स्तर

हर मरीज में HbA1c का स्तर अलग हो सकता है। आपके लिए एक हमने चार्ट बनाया है जिसके जरिए आप देख सकते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए :

गैर – मधुमेह लोगों में (In non-diabetic people) : कई अध्ययनों और रिपोर्टों के जरिए पता चलने के बाद HbA1c रेंज 7% से कम है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। एक स्वस्थ व्यक्ति का HbA1c माप कुल हीमोग्लोबिन के 6% से कम हो सकता है। जिन्हे डायबिटीज नहीं है यानि आम तौर पर स्वस्थ लोगों में HbA1c का सामान्य स्तर 6.0% से नीचे या 42 mmol/mol से कम होना चाहिए है।

प्री – डायबिटिक व्यक्ति में (In a pre-diabetic person) : चिंता करने की बात है जब किसी आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य स्तर से थोड़ा अधिक है। इस मामले में इसे प्री – डायबिटिक व्यक्ति माना जाता है। हालांकि इसे टाइप -2 मधुमेह नहीं माना जाता, चूंकि बैलेंस्ड डाइट के जरिए अपने मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं और सामान्य HbA1c मान 6.0% से 6.4%, या 42 से 47 mmol/mol प्राप्त कर सकते हैं।

मधुमेह रोगियों में (In diabetic people) : टाइप -2 मधुमेह से पीड़ित कोई भी व्यक्ति का सामान्य मान 6.5% या उससे अधिक , या 48 mmol/mol या इससे अधिक होता है। यदि आपका यह रेंज दिए गए स्तर से अधिक है तो यह दिल का दौरा , परिधीय धमनी रोग , ग्लूकोमा , मधुमेह पैर , मधुमेह गुर्दे की बीमारी (heart stroke, peripheral artery disease, glaucoma, diabetic foot, diabetic kidney disease) के जोखिम को बढ़ा सकता है।

HbA1c चार्ट (HbA1c Chart in Hindi)
A1(%)Mean blood sugar (mg/dl)
6135
7170
8205
9240
10275
11305
12340

लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित 2019 के एक अध्ययन के अनुसार, 2017 डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में टाइप -2 मधुमेह से पीड़ित लगभग 69.2 मिलियन लोग हैं और यह संख्या 2030 तक लगभग 98 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है।

HbA1c को सामान्य करने के नेचुरल तरीके

  • जिन लोगों में HbA1c का स्तर अधिक होता है, वे दवाओं के माध्यम से HbA1c के स्तर को सामान्य श्रेणी में ला सकते हैं। इसके अलावा कुछ प्राकृतिक तरीके हैं जो आपके HbA1c को सामान्य कर सकते हैं। यह भी शामिल है:
  • हीमोग्लोबिन A1c का स्तर यदि बढ़ा हुआ है और आप धूम्रपान करते हैं तो तत्काल प्रभाव से बंद कर दें।
  • इम्यून सिस्टम और हार्मोनल को बैलेंस रखने के लिए आपको संतुलित और स्वस्थ आहार खाना चाहिए।
  • व्यायाम बढ़े हुए ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (glycosylated haemoglobin) के स्तर को नियंत्रित करने का एक और प्राकृतिक तरीका है और वजन कम करने और रक्त शर्करा को कम करने में मदद करता है जिसके परिणामस्वरूप अंततः इंसुलिन संवेदनशीलता (enhancing insulin sensitivity) बढ़ जाती है।