दुनियाभर में लोगों को डायबिटीज होना बहुत ही आम बात हो चुकी है। सिर्फ अधिक उम्र के लोगों में ही नहीं आज के समय में बच्चे भी डायबिटीज की चपेट में आ रहे है। हमारे शरीर में पैंक्रियास नामक ग्रन्थि के ठीक से काम न करने या फिर पूरी तरह से काम न करने पर डायबिटीज होने के खतरा बढ़ जाता है। इसके अन्य भी कारण हो सकते है पर पैंक्रियास ग्रन्थि सबसे बड़ा कारण है। शुगर को नियंत्रित रखने के लिए चिकित्सक की सलाह अनुसार आप शुगर की आयुर्वेदिक दवा का सेवन भी कर सकते हैं।

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों को गिलोय के रस का सेवन करना चाहिए, इससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल होता है। इससे मधुमेह का खतरा काफी कम हो जाता है। गिलोय ब्लड शुगर नियंत्रित करने के साथ ही शरीर की इम्यूनिटी भी बूस्ट करता है; जिससे रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।

शोध के मुताबिक गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कॉपर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक के साथसाथ एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर, एंटी ऑक्सीडेंट आदि तत्व पाए जाते हैं। गिलोय में हाइपोग्लाईकैमिक पाया जाता है जो कि ब्लड शगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।

डायबिटीज या शुगर होने के लक्षण (Symptoms of Diabetes in Hindi)

डायबिटीज में शरीर का ग्लूकोज बढ़ने के साथ और भी लक्षण महसूस होते हैं वह इस प्रकार हैं

  • मुंह सूखना
  • धुंधला दिखना
  • उल्टी का मन होना
  • अधिक पेशाब आना
  • वजन बढ़ना या कम होना
  • हमेशा थका महसूस करना
  • अधिक भूख एवं प्यास लगना
  • हाथ-पैरों में दर्द एवं जलन का महसूस होना
  • हाथ और पैरों में झनझनाहट महसूस करना
  • कोई घाव होने पर उसके ठीक होने में समय लगना
  • बाहरी संक्रमण के प्रति शरीर संवेदनशील हो जाता है
  • त्वचा में खुजली होना या अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं होना
  • महिलाओं में अक्सर योनि में कैंडिड इंफेक्शन होने को खतरा

गिलोय का सेवन: आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक गिलोय के तने और पत्तियों से जूस बना लें। चाहें तो इसी जूस में नीम, खीरा, टमाटर या फिर सदाबहार के फूल मिला सकते हैं। इस जूस को सुबह खाली पेट इस जूस का सेवन करने से आपको फायदा मिल सकता है। आप चाहें तो गिलोय की गोली भी खा सकते हैं, लेकिन इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।