पिछले कुछ वर्षों में गुर्दे की पथरी की समस्या लोगों में बढ़ी है। वहीं, पित्ताशय में पथरी के मामले भी सामने आ रहे हैं। यह भी उतनी ही तकलीफदेह और गंभीर है। दोनों ही मर्ज के लिए आमतौर पर रोगी ही जिम्मेदार होते हैं। पहले यह समस्या बड़ों में दिखाई देती थी, लेकिन अब बच्चों में भी पित्त की पथरी पाई जाने लगी है। इस लिहाज से अभिभावकों को इस रोग से सतर्क रहने की जरूरत है। देश के पांच शहरों में कराए गए हालिए सर्वेक्षण में पाया गया है कि पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे दो सौ बच्चों में से एक के पित्ताशय में पथरी पाई गई। यह समस्या आम है। इसकी वजह जानने की जरूरत सभी को है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, गुर्दे की पथरी से पीड़ित मरीजों के अगले दस वर्षों में फिर से इससे पीड़ित होने की 50 प्रतिशत से अधिक संभावना होती है। पथरी के कारण होने वाले दर्दनाक अनुभव कोई भी कभी नहीं भूल पाया है। ऐसे में लाइफस्टाइल, खानपान और पानी के सेवन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। सर्जन, यूरोलॉजिस्ट, डॉ. नितिन श्रीवास्तव ने बताया कि किडनी की पथरी से परेशान लोगों को किन चीजों से दूरी बनानी चाहिए और कैसे बचाव करना चाहिए।
किन चीजों से रहें दूर
- ऑक्सलेट युक्त फूड्स- पालक , चुकंदर, मूंगफली, बादाम, काजू और चॉकलेट जैसे फूड्स ऑक्सालेट से भरपूर होते हैं। जब ये तत्व शरीर में प्रवेश करते हैं, तो कैल्शियम के साथ मिलकर गुर्दे या मूत्राशय में कठोर पथरी बनाते हैं।
- नमक और सोडियम से भरपूर फूड- आजकल प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड फूड और फास्ट फूड का सेवन काफी बढ़ गया है। इन सभी में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है। सोडियम की अधिकता से शरीर में मौजूद कैल्शियम मूत्र के जरिए बाहर निकल जाता है। यही कैल्शियम गुर्दे की पथरी का मुख्य कारण है।
- मीठे ड्रिंक्स- मीठे कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा, पैकेज्ड जूस, एनर्जी ड्रिंक्स में फ्रुक्टोज की मात्रा ज्यादा होती है। फ्रुक्टोज किडनी स्टोन के निर्माण को बढ़ावा देता है।
कैसे बनती है पथरी
पित्त में पथरी कैसे बनती है, यह समझने से पहले हमें पित्ताशय के बारे में जानना चाहिए। पित्त की थैली हमारे यकृत यानी किडनी के ठीक ऊपर दाईं ओर होती है। इसमें हरा-पीला पित्त ही है, जो पाचन में मदद करते हैं। पित्ताशय में पथरी बनने का सबसे आम कारण पित्त में कोलेस्ट्राल जैसे कठोर यौगिक पदार्थ हैं। दरअसल, पित्त स्राव में बिलीरूबीन का लेवल ज्यादा होने से पथरी बनने लगती है। पित्ताशय में गाढ़ा पित्त लगातार जमा होने से भी समस्या पैदा होती है। यह पथरी पित्त की नली में रुकावट डालती हैं। ये जब इसमें फंसती हैं, तो मरीज की पाचन संबंधी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसके साथ ही कई समस्याएं सामने आती हैं।
लक्षणों की गंभीरता
पित्त की पथरी के कई लक्षण दिखते हैं। मगर कई बार ये नहीं भी दिखते और कभी देर से दिखते हैं। मरीज के पेट के दाहिने ओर ऊपरी हिस्से में या पेट के बीच में परेशानी पैदा हो सकती है। पित्ताशय में भी दर्द हो सकता है। हाई फैट वाले फूड्स जैसे तला-भुना भोजन खाने के बाद दर्द होना आम बात है। हालांकि, देखा गया है कि पित्त की पथरी वाले मरीजों में खाने-पीने की इच्छा कम हो जाती है। सामान्य से अधिक शरीर का तापमान, त्वचा और आंखों में पीलापन तथा ठंड लगने जैसे अन्य लक्षण भी दिखाई देते हैं। पैंक्रियाज में सूजन जैसी जटिलता को गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे में शल्य क्रिया की जरूरत पड़ती है। इस रोग की जटिलताएं मरीज के लिए कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो जाती है।
उपचार के रास्ते
जिन लोगों में पथरी के लक्षण नहीं दिखते या कोई समस्या नहीं होती, तो वे बिना उपचार के अपना सामान्य कामकाज करते रह सकते हैं। लक्षण दिखने पर चिकित्सक तय करते हैं कि उपचार आवश्यक है या इसे अभी टाला जा सकता है। पित्त की पथरी का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड सुरक्षित तरीका है। अगर पथरी पाई जाती है, तो चिकित्सक पित्त की थैली हटाने के लिए शल्य क्रिया का सुझाव दे सकते हैं। इसे हटा देने से भोजन पचाने की क्षमता पर असर नहीं पड़ता। पित्त की पथरी को घोलने के लिए दवाइयां दी जाती हैं। मगर ये दवाइयां महीनों या वर्षों खानी पड़ती है। इसे बीच में छोड़ देने से यह फिर बन जाती हैं। ऐसे में स्थायी उपाय सर्जरी ही मानी गई है।
खुद को कैसे बचाएं
हम इस मर्ज से अपना बचाव खुद कर सकते हैं। समय पर भोजन करने का प्रयास करें। बार-बार भोजन छोड़ने और उपवास करने से पित्त में पथरी बनने का खतरा रहता है। मोटापे को दूर कर रहे लोगों को अपना वजन तेजी से घटाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इससे भी पथरी बनने का जोखिम रहता है। अपने आहार में प्रचुर मात्रा में फल-सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। अधिक से अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ लें। आहार में कैलोरी की मात्रा संतुलित रखें। मिठाइयां और तले-भुने वसायुक्त पदार्थ एकदम कम कर दें। मरीज को संतरा, स्ट्रॉबेरी और आंवला लेना चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली हमें बीमारियों से बचाती है। पित्त की थैली में पथरी का बनना भी उनमें से एक है।
वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।