Home remedies to control high blood sugar: शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने से डायबिटीज नामक खतरनाक बीमारी हो जाती है। स्ट्रेस, खराब खानपान, अस्वस्थ जीवन शैली के कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारतीय व्यस्कों में 12 से 18 प्रतिशत डायबिटीज का खतरा बढ़ा है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से शरीर पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके कारण आंखें, दिल, किडनी, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए मरीजों को प्रयासरत रहना चाहिए। आइए जानते हैं किस तरह आयुर्वेद रक्त शर्करा के स्तर पर काबू पाने में मददगार है।

गिलोय: गिलोय का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है जो ब्लड शुगर पर काबू पाने में असरदार साबित होता है। यही नहीं, शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा ग्लूकोज को बर्न करने में भी गिलोय मदद करता है। गिलोय में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी को एंटी-डायबिटिक के तौर पर जाना जाता है। लोग इसका सेवन काढ़ा, पाउडर या फिर जूस के रूप में कर सकते हैं।

सदाबहार: आयुर्वेद में सदाबहार के पौधे को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इस पौधे के पत्तों के साथ ही इसका फूल भी ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है। डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों के लिए भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ सदाबहार को काफी कारगर मानते हैं।

यही नहीं, गले में खराश और मलेरिया जैसी स्वास्थ्य परेशानियों को दूर करने में भी सदाबहार लाभकारी है। ब्लड शुगर के स्तर पर प्राकृतिक रूप से काबू पाने के लिए लोग सदाबहार के ताजे पत्तों को चबा सकते हैं। इसके अलावा, एक कप पानी में इसके फूलों को उबाल कर छान लें और सुबह खाली पेट इस ड्रिंक का सेवन करें।

विजयसार: ब्लड शुगर के स्तर को मेंटेन करने में इस पौधे को भी बेहद असरदार बताया जाता है। इसमें एंटी-हाइपरलिपडेमिक गुण होते हैं जो शरीर से कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। यही नहीं, बार-बार पेशाब लगना, ज्यादा खाना या फिर हाथ-पैर में जलन महसूस होने जैसे डायबिटीज के लक्षणों को कम करने में भी ये सहायक है।

जामुन: स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि जामुन का बीज इंसुलिन निकलने में मदद करता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज रोज सुबह जामुन के बीज से बने चूर्ण को एक गिलास पानी में रोज सुबह खाली पेट पीयें।