Politicians who lost war against Cancer: भारत के कई ऐसे दिग्गज राजनेता रहें हैं जिन्हें कैंसर था और कैंसर से लड़ते-लड़ते वे जिंदगी से हार गए थे। भारत से लेकर विदेश तक उन लोगों ने अपना इलाज करवाया लेकिन फिर भी उनका ट्रीटमेंट सफल नहीं हो सका। ऐसा नहीं है कि कैंसर एक लाइलाज बीमारी है, लेकिन इंसान का ठीक होना इस बात पर निर्भर करता है कि उसने कैंसर के किस स्टेज पर उपचार करवाना शुरू किया है या फिर उसे किस प्रकार का कैंसर है। आमतौर पर कैंसर के शुरूआती स्टेज पर इसके लक्षण शरीर पर ज्यादा प्रभाव नहीं दिखाते हैं, इसलिए पहले स्टेज पर इसकी पहचान करना मुश्किल होता है।

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आइए जानते हैं उन राजनेताओं के बारे में जो कैंसर के कारण अब दुनिया में नहीं रहें:

मनोहर पर्रिकर:
गोआ के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 साल की उम्र में निधन हो गया। वह कैंसर से ग्रसित थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें Pancreatic Cancer था। उनका इलाज अमेरिका के साथ-साथ दिल्ली और मुंबई के अस्पताल में भी चल रहा था। 17 मार्च 2019 को पणजी में उनका निधन हो गया।

श्री चंद्र शेखर:
श्री चंद्र शेखर एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे जो भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री थे। श्री चन्द्र शेखर का जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तर प्रदेश के इब्राहिमपट्टी गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। वह 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे थे। लेकिन 2007 में बोन कैंसर से लड़ते-लड़ते इंद्रप्रस्थ में स्थित अपोलो हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया।

वी.पी. सिंह:
वी.पी.सिंह भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। 1989 में राजीव गांधी सरकार का विरोध करने वाले वी.पी.सिंह को ब्लड कैंसर था और 77 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। 27 नवम्बर 2008 में वी. पी. सिंह का निधन दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में हो गया।

विमल मुंदडा:
विमल मुंदडा कांग्रेस पार्टी से संबंधित महाराष्ट्र की एक भारतीय राजनीतिज्ञ थीं। लेकिन 22 मार्च 2012 में कैंसर से लंबे समय तक लड़ने के बाद लीलावती अस्पताल में उनका निधन हो गया था।

भैरों सिंह शेखावत:
भैरों सिंह शेखावत भारत के 11वें उपराष्ट्रपति थे। भैरों सिंह शेखावत का जन्म राजस्थान के सीकर जिले में हुआ था। 86 साल की उम्र में उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था। वह लंबे समय से कैंसर से भी लड़ रहे थे। पहले उनका ऑपरेशन किया गया, फिर बाद में कीमोथेरेपी के जरिए रेडिएशन दिया गया। लेकिन उस समय नई दवाईयां नहीं थीं। 15 जून 2010 में जयपुर में उनका निधन हो गया था।

मोहन सिंह:
समाजवादी पार्टी के विचारक मोहन सिंह, ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) के मरीज थे। 68 साल की उम्र में 22 सितंबर 2013 में दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनका निधन हो गया था।

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First published on: 10-04-2019 at 16:59 IST