High Blood Sugar: हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि डायबिटीज का एक लक्षण शुगर लेवल का बढ़ना भी होता है। लेकिन कुछ मामलों में सामान्य लोगों के भी रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। हाई ब्लड शुगर शरीर में कई दिक्कतें पैदा करती हैं, ऐसे में इसे नियंत्रित रखना जरूरी है। शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए स्वस्थ खानपान का चुनाव आवश्यक है, आइए जानते हैं कि कौन से फूड्स रक्त शर्करा के स्तर पर लगाम लगाने में सहायक होते हैं –

ब्रोकली: इस क्रुसिफेरस सब्जी में सल्फरोफेन नामक तत्व होता है जो प्राकृतिक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखता है। ये तत्व प्रोटीन को सिग्नल देते हैं जो बदले में लिवर सेल्स का इंसुलिन के प्रति रिस्पॉन्स को काबू में रखते हैं। इस वजह से ब्लडस्ट्रीम से ग्लूकोज अपटेक होता है। साथ ही, ब्रोकली में ग्लूकोसिनोलेट्स नामक कंपाउंड्स भी होते हैं जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर करते हैं और रक्त से ग्लूजोज की मात्रा कम करते हैं।

खट्टे फल: हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार खट्टे फलों में भी शुगर की मात्रा होती है लेकिन दूसरे फलों की तुलना में ये शुगर लेवल को ज्यादा नहीं बढ़ाते हैं। इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके प्रभाव से पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और ब्लडस्ट्रीम में शुगर जल्दी नहीं घुलता। इन फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पॉलीफेनॉल होते हैं जो इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।

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फैटी फिश: ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर फैटी फिश खाने से शुगर लेवल पर नियंत्रण बना रहेगा। ये इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करते हैं। इसमें हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं जो शरीर में इंसुलिन प्रोडक्शन को बढ़ावा देते हैं। एक शोध के अनुसार 8 सप्ताह तक 150 ग्राम साल्मन के सेवन से शुगर लेवल 5 गुना तक कम हो सकता है।

एवोकाडोज: मोनोअनसैच्युरेटेड फैटी एसिड्स का बेहतरीन स्रोत होता है एवोकाडो जो इंसुलिन सेंसिटिवटी को बढ़ाते हैं और शुगर लेवल कम करते हैं। साथ ही, इसमें मैग्नीशियम होता है जो रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट लाता है।

अंडा: एक्सपर्ट्स के मुताबिक अंडे खासकर इसका पीला हिस्सा पॉलीअनसैच्युरेटेड फैटी एसिड्स, मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर होते हैं। ये शरीर से सूजन कम करने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं।

अलसी का बीज: फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी का बीज पाचन प्रक्रिया को स्लो कर देता है जिससे ग्लूकोज को अवशोषित होने में वक्त लगता है।