बाथरूम में आधा-आधा घंटा बैठना पड़ता है लेकिन फिर भी पेट साफ नहीं होता तो ये खबर आपके लिए है। दुनियाभर में करोड़ों लोग कब्ज जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं। पेट खुलकर साफ नहीं होना एक ऐसी परेशानी है जो आपकी ओवर ऑल हेल्थ को प्रभावित करती है। रोजाना लम्बे समय तक कब्ज रहने से आंतों में गंदगी जमा होने लगती है। बॉडी से टॉक्सिन का बाहर निकलना बेहद जरुरी है। पेट और आंतों की सफाई नहीं होने पर बॉडी से लेकर मिजाज तक प्रभावित होता है। नेचर ने हमारी आंतों को कुछ इस तरह डिजाइन किया है कि जो हम आज खाते हैं वो अगले दिन सुबह हमारी आंतों से बाहर निकल जाना चाहिए। जिन लोगों की आंतें इस क्रम में चलती है उनकी बॉडी हेल्दी रहती है। लेकिन जिन लोगों की आंतों से गंदगी निकलना बंद हो जाती है और वो आंतों में सड़ती रहती है तो उन लोगों को पाचन से जुड़ी परेशानियां तंग करती हैं।
सद्गुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक आंतों को बिस्तर से उठने के बाद 20 मिनट में खुद को साफ कर लेना चाहिए। अगर आंत ये काम नहीं करती तो आप शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हैं। कुछ लोग बार-बार खाते हैं। हर 2-3 घंटे में खाते रहते हैं जिससे उनके पाचन पर दबाव पड़ता है। खाने के बीच में 3 घंटे का कम से कम गैप होना जरूरी है ताकि आंत अपना काम दुरुस्त तरीके से कर सकें। अगर आप की डाइट हैबिट्स दुरुस्त नहीं रहेगी तो आपकी आंतों पर दबाव पड़ेगा।
हफ्ते में एक बार या फिर महीने में एक बार आंतों को शुद्ध करने पर जरूर ध्यान देना चाहिए। आंतों को शुद्ध करने के लिए कुछ आसान उपाय आप अपना सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर आप आंतों में जमा सारा मल साफ कर सकते हैं और अपनी बॉडी को हेल्दी और शुद्ध कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आंतों की सफाई कैसे करें।
हफ्ते में एक बार फास्ट करें
आयुर्वेद में फास्टिंग का बेहद महत्व है। फास्ट करके आप बॉडी को हेल्दी और एनर्जी को रिचार्ज कर सकते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक उपवास करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे आंतों की सफाई होती है और आंतों में जमा टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। उपवास के जरिए पाचन अग्नि तेज हो जाती है, जिससे शरीर में जमा टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। आंतों की सफाई करने में उपवास बेहद असरदार साबित होता है। उपवास के दौरान पानी, फ्रूट जूस, हर्बल टी का सेवन करने से आंतों को सफाई होती है और बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। उपवास करने से कब्ज जैसी स्थिति से निजात मिलती है।
महीने में एक बार अरंडी के तेल का करें सेवन
अगर आप चाहते हैं कि आपकी आंते दुरुस्त रहे तो आप अरंडी के तेल का सेवन करें। अरंडी का तेल बॉडी में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालता है। महीने में एक बार अरंडी के तेल का सेवन करें। अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो आप हफ्ते में एक बार या महीने में एक बार 3 बड़े चम्मच अरंडी के तेल का सेवन करें। ये तेल पेट फूलने और गैस की समस्या को दूर करेगा। इसका सेवन करने से मलाशय की सफाई होती है और पाचन दुरुस्त रहता है।
नीम का करें सेवन
आयुर्वेद में नीम का सेवन औषधि माना जाता है। इसका सेवन करने से आंतों की सेहत दुरुस्त रहती है। नीम का सेवन करने से आंतों से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालते हैं। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। यह आंतों की सूजन को कम करता है। पेट की गैस, एसिडिटी और अपच को दूर करने में ये कड़वा नीम बेहद असरदार साबित होता है। नीम पाचन को शांत करता है आप इसका सेवन उसको पीसकर गोली बनाकर कर सकते हैं।
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