दिन में पांच से सात बार पेशाब आना नॉर्मल माना जाता है। सर्दी के दिनों में ठंड ज्यादा लगती है तो पेशाब ज्यादा आता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सिर्फ ठंड में ही पेशाब ज्यादा नहीं आता बल्कि गर्मी में भी पेशाब ज्यादा आता है। पेशाब का ज्यादा आना आदत नहीं बल्कि ये एक बीमारी है जो सर्दी और गर्मी सभी मौसम में परेशान करती है। दिन में 8 बार से ज्यादा पेशाब आना पॉली यूरिया (Polyuria) की परेशानी है। पॉली यूरिया या पेशाब ज्यादा आने के कई संभावित कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक तरल पदार्थों का सेवन करना, बहुत अधिक पानी पीना, शराब या कैफीन का अधिक सेवन करना हो सकता है। पॉली यूरिया की परेशानी कुछ दवाएं जैसे लिथियम, डाइयुरेटिक्स (मूत्रवर्धक दवाएं), सिडोफोविर और फोस्कारनेट, पॉली यूरिया का कारण बन सकती हैं।
कुछ बीमारियां जैसे डायबिटीज,किडनी फेल्योर, क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), या ऑब्सट्रक्टिव यूरोपैथी (Obstructive Uropathy) भी पॉली यूरिया का कारण बन सकती हैं। ये परेशानी अनुवांशिक कारणों के कारण भी हो सकती। शरीर में कैल्शियम का स्तर बहुत अधिक या बहुत कम होने से पॉली यूरिया हो सकता है। विटामिन B2 और विटामिन D का ज्यादा सेवन पॉली यूरिया का कारण बन सकता हैं।
होम्योपैथिक डॉक्टर लोकेंद्र गौड़ ने बताया अगर आपको बार-बार यूरिन डिस्चार्ज होता है तो सबसे पहले बॉडी में होने वाले लक्षणों को पहचान लें। अगर आपको पेशाब 7-8 बार आता है तो ये परेशानी की बात नहीं लेकिन इससे ज्यादा आता है तो आप तुरंत पॉली यूरिया के लक्षणों को समझ लें और इस परेशानी का इलाज करें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि पॉली यूरिया के लक्षण कौन-कौन से हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है।
पॉली यूरिया (Polyuria) के लक्षणों
- अत्यधिक पेशाब आना जैसे दिन में 3 लीटर या उससे अधिक यूरिन डिस्चार्ज होना
- बार-बार पेशाब आना
- रात में बार-बार पेशाब आना जिसे नोक्टूरिया कहा जाता है। इस परेशानी में नींद के दौरान कई बार उठकर पेशाब करने की जरूरत पड़ती है।
- पेशाब का हल्का और अधिक पतला होना
- पेशाब का रंग सामान्य से हल्का या पानी जैसा दिख सकता है।
- प्यास अधिक लगना।
- डिहाइड्रेशन होना
- नींद में बाधा महसूस होना। बॉडी में आप इस परेशानी का पता लगाने के लिए ब्लड और यूरिन का टेस्ट करा सकते हैं।
पॉली यूरिया का इलाज कैसे करें
- बहुत अधिक पानी का सेवन करने से बचें। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए आवश्यक मात्रा में ही पानी पिएं। दिन में बार-बार थोड़ा-थोड़ा पानी पिएं पेशाब पर कंट्रोल होगा।
- चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स और कोल्ड ड्रिंक्स जैसे कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन कंट्रोल करें। यह ड्रिंक मूत्रवर्धक की तरह काम करते है।
- सोडियम का सेवन कम करें। अधिक नमक खाने से पॉली यूरिया की समस्या हो सकती है।
- प्रोसेस्ड फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और ज्यादा नमक वाले फूड से परहेज करें।
- अधिक चीनी या हाई-कार्बोहाइड्रेट फूड्स ब्लड शुगर को बढ़ा सकते हैं जिससे पॉली यूरिया की समस्या हो सकती है।
- पोटैशियम युक्त जैसे केला, नारियल पानी, पालक, संतरा और दही जैसे पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
- मेथी दाना,अदरक और तुलसी का सेवन करें।
- रात में अधिक लिक्विड फूड्स का सेवन करने से परहेज करें। सोने से 2-3 घंटे पहले पानी या अन्य तरल पदार्थों का सेवन सीमित करें।
पेशाब में जलन होती है और बार-बार आता है तो इन 2 चीजों को पानी में उबालकर पी लें, खुलकर आएगा यूरीन, मूत्र विकारों से मिलेगी निजात। पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।