खराब डाइट सिर्फ शारीरिक सेहत को ही नहीं बिगाड़ती बल्कि मानसिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचाती है। हर उम्र में हेल्दी डाइट का सेवन करना जरूरी है। डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करना है जिनसे बॉडी और ब्रेन को पर्याप्त पोषक तत्व मिल सकें। बॉडी के लिए कुछ पोषक तत्व ऐसे हैं जो मेमोरी, एकाग्रता, इम्यूनिटी और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाते हैं। विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड बॉडी और ब्रेन के लिए जरूरी हैं। जहां कुछ फूड्स सेहत के लिए उपयोगी होते हैं वहीं कुछ फूड्स ऐसे भी हैं जो हमारी सेहत के साथ ही ब्रेन को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की फैकल्टी में न्यूट्रिशनल साइकोलॉजिस्ट डॉ. उमा नायडू ने बताया हमारी डाइट हमारी मेमोरी, फोकस और कॉग्निटिव डिक्लाइन यानी स्मरण शक्ति की गिरावट के जोखिम को प्रभावित करती है। हमारी डाइट इतनी खराब हो गई है कि वो सेहत के साथ ही हमारे ब्रेन को भी नुकसान पहुंचा रही है। कुछ फूड्स ऐसे हैं जो आंतों के बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाकर, मस्तिष्क में सूजन पैदा करते हैं, जिससे याददाश्त कमजोर होती है और डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

अगर कुछ खराब फूड्स को हम अपनी डाइट से सीमित या पूरी तरह हटा दें, तो सोचने की क्षमता, निर्णय लेने की ताकत और मानसिक सेहत को बेहतर बनाकर रख सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे फूड्स है जो हमारी याददाश्त को कमजोर बनाते हैं।

चीनी का सेवन करने से परहेज करें

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सिफारिश है कि महिलाएं 25 ग्राम और पुरुष 36 ग्राम से अधिक एडेड शुगर न लें। मस्तिष्क को एनर्जी देने के लिए ग्लूकोज की जरूरत होती है, लेकिन जब चीनी की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है, तो यह हिप्पोकैम्पस पर असर डालती है। हिप्पोकैम्पस वही हिस्सा है जो सीखने और याद रखने के लिए जिम्मेदार होता है। सोडा, केक, कैंडी जैसी प्रोसेस्ड चीजों में हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप होता है, जो मस्तिष्क को शुगर से भर देता है और उसकी सामान्य कार्यक्षमता में बाधा डालता है। समय के साथ यह इंसुलिन रेजिस्टेंस, मोटापा, और टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है जो सभी मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

फ्राइड फूड से करें परहेज

फ्रेंच फ्राइज, समोसे, फ्राइड चिकन जैसे तले हुए फूड शरीर में सूजन बढ़ाते हैं, जिससे मस्तिष्क तक खून की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद अनहेल्दी फैट्स कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर दिमाग में रक्त प्रवाह को घटा सकते हैं, जिससे मेमोरी और लर्निंग स्कोर घटते हैं और डिप्रेशन का जोखिम बढ़ता है। एक्सपर्ट ने बताया तले हुए खाने को हफ्ते में 1–2 बार तक सीमित करना और बेकिंग, स्टीमिंग, एयर फ्राइंग जैसे हेल्दी विकल्प अपनाना जरूरी है।

हाई ग्लाइसेमिक कार्बोहाइड्रेट्स से बचें

सफेद ब्रेड, पास्ता और आलू जैसे रिफाइंड कार्ब्स ब्लड में शुगर का स्तर तेज़ी से बढ़ाते हैं और इनके लगातार सेवन से डिप्रेशन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और मस्तिष्क की सूजन हो सकती है। उनकी जगह साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियां, दालें जैसे फाइबर से भरपूर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ लेने से मेमोरी और फोकस बेहतर होते हैं।

अत्यधिक शराब का सेवन करने से बचें

डॉ. उमा नायडू के अनुसार, मॉडरेशन, पर्याप्त हाइड्रेशन, और संतुलित भोजन ही दिमागी स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। अल्कोहल का सेवन दिमाग को कुंद कर देता है। हल्का-फुल्का शराब पीना सामान्य माना जाता है, लेकिन ज़्यादा सेवन मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है। रिसर्च में देखा गया है कि जो लोग बहुत अधिक पीते हैं या बिल्कुल नहीं पीते, दोनों ही समूहों में डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है। शराब नींद, पोषक तत्वों के अवशोषण और न्यूरोट्रांसमीटर बैलेंस में बाधा डालती है, जिससे मेमोरी और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है।

प्रोसेस फूड्स से रहें दूर

प्रोसेस्ड मीट जैसे बेकन, सॉसेज, सलामी में पाए जाने वाले नाइट्रेट्स आंतों के बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। कुछ अध्ययन नाइट्रेट्स को डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर से जोड़ते हैं। ये शरीर में ऐसे कंपाउंड बना सकते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन पैदा करते हैं, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं। नाइट्रेट-फ्री विकल्प चुनना और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन जैसे दालें, बीन्स को डाइट में शामिल करना एक बेहतर विकल्प है।

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