मौसम में बदलाव के साथ कई बीमारियां भी फैलने लगती हैं। फूड प्वाइजनिंग इनमें से एक है। इस मौसम में खानपान में जरा सी लापरवाही फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकती है। फूड पाइजनिंग पेट से जुड़ा एक संक्रमण है जो स्टैफिलोकोकस नामक बैक्टीरिया के पनपने से होता है। यह बैक्टीरिया दूषित खाने और दूषित पानी के साथ पेट में चले जाते हैं। आइए जानते हैं कि फूड प्वाइजनिंग के लक्षण कौन-कौन से हैं और उसका घरेलू उपचार कैसे किया जाए।

फूड प्वाइनिंग के लक्षण (Food Poisoning Symptoms)

  • पेट में दर्द और मरोड़ होना
  • दस्त लगना
  • भूख नहीं लगना
  • स्टूल पास करने में दिक्कत होना और स्टूल के साथ खून आना
  • ठंड के साथ बुखार आना
  • लगातार सिरदर्द, उलटी और मतली होना
  • कमजोरी महसूस होना।

फूड प्वाइजनिंग से निजात पाने के घरेलू उपाय:

सेब का सिरका: फूड प्वाइजनिंग की बीमारी से निजात पाने के लिए आप सेब के सिरका का सेवन करें। सेब का सिरका मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और पाचन को दुरुस्त करता है। सेब के सिरके का सेवन आप पानी के साथ कर सकते हैं।

तुलसी भी है असरदार: औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी के पत्तों को एक कटोरी दही में मिला लें और उसके साथ काली-मिर्च और थोड़ा-सा नमक मिलाकर उसका सेवन करें आपको फूड प्वाइजनिंग से निजात मिलेगी।

नमक और चीने के पानी का सेवन करें: फ़ूड पॉइजनिंग के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है इसलिए घर में नमक चीनी के पानी का सेवन करें। नमक और चीनी का पानी मरीज की प्यास बुझाएगा और बॉडी में पानी की कमी को पूरा करेगा।

दही और छाछ का करें सेवन: अगर आप फूड पॉइजनिंग के शिकार हैं तो डाइट में दही और छाछ को शामिल करें। दही और छाछ का सेवन करने से पेट में ठंढक पहुंचती है और बॉडी में पानी की कमी भी पूरी होती है।

सफाई का रखें खास ध्यान: फ़ूड पॉइजनिंग बैक्टीरिया के पनपने से होने वाली बीमारी है, इसलिए इस बीमारी में साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। फूड प्वाइजनिंग से जल्दी रिकवर होने के लिए खान-पान का खास ध्यान रखें। बाजार का खुला खाने से परहेज करें। हाथों को साफ तरीके से वॉश करके ही खाएं। ध्यान रखें कि जिस बर्तन में खा रहे हैं वो भी साफ होना चाहिए।