Fasting Schedule According To Age: अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। अधिकतर लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में वजन को कम करने के लिए लोग तमाम तरह के तरीके अपनाते हैं, लेकिन इसके बाद बाद भी वजन कम नहीं होता तो इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके लिए बहुत ही लाभकारी हो सकती है। मेडिकल न्यूज टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर को 6 जरूरी पोषक तत्व विटामिंस, मिनरल्स, प्रोटीन, फैट, वाटर और कार्बोहाइड्रेट्स की जरूरत होती है। हेल्दी और फिट रहने के लिए डाइट में इन सभी पोषक तत्वों का होना आवश्यक है। इससे बॉडी एनर्जेटिक रहने के साथ-साथ बीमारियों से भी बची रहती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

डायटिशियन मीना कोरी ने बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा खाने का तरीका है, जिसमें आप खाने और उपवास के समय को बदल-बदल कर फॉलो करते हैं, जैसे कि 16/8 या 5:2 मेथड, जो वजन कम करने और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खाना खाएं और फिर शाम 6 बजे से अगले दिन 10 बजे तक फास्टिंग करें। इस तरीके को फॉलो करने से स्वास्थ्य को बहुत ही फायदा मिलता है।

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग मेथड?

कुछ सामान्य तरीकों में 16:8 मेथड यानी 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खाने का समय और 5:2 मेथड यानी सप्ताह में 5 दिन सामान्य और 2 दिन कम कैलोरी वाला खाना शामिल करना। वजन घटाने के लिए 16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग एक शानदार तरीका हो सकता है। यह न सिर्फ वजन कम करने में मदद करता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म सुधारने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और पेट की समस्याओं से भी राहत दिलाता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग शेड्यूल

  • सुबह 7:00 AM – 1 गिलास गुनगुना पानी + नींबू
  • 9:00 AM – ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी (बिना चीनी)
  • ब्रेकफास्ट 10:00 AM- ओट्स, उपमा, मूंग दाल चीला, अंडे, स्प्राउट्स या सूखे मेवे, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर नाश्ता लें।
  • दोपहर का खाना 1:30 PM-  रोटी/ब्राउन राइस + सब्जी + दाल + दही/छाछ, सलाद और हरी सब्जियां जरूर शामिल करें।
  • शाम का स्नैक 4:30 PM – 5:30 PM-  मुट्ठी भर भुने चने, मखाने, नट्स, ग्रीन टी या नारियल पानी और तला-भुना और मीठा खाने से बचें।
  • लास्ट मील 6:00 PM – 6:30 PM- हल्का और जल्दी पचने वाला खाना लें, जैसे सूप, दाल-चावल, पनीर, ग्रिल्ड वेजिटेबल्स या वेजिटेबल आदि। लास्ट मिल के बाद सिर्फ केवल पानी, ग्रीन टी या हर्बल टी पी सकते हैं।

18-25 की उम्र में आयरन और प्रोटीन खाने में शामिल करें

18-25 साल की उम्र में लोग जंक फूड्स का सेवन अधिक पसंद करते हैं। जिससे पेट तो भर जाता है, लेकिन शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते। जिसके चलते शरीर में प्रोटीन और आयरन की कमी हो जाती है। इस उम्र के लोगों को अपनी डाइट में कैल्शियम,आयरन और फोलेट को शामिल करना चाहिए, जिससे हड्डियां, दिल और दिमाग तेज हो।

25-35 की उम्र के लिए डाइट

25 से 35 साल की उम्र में कामकाज और लाइफस्टाइल में बहुत बदलाव होता है। इस दौरान कैलरीज और मैग्नीशियम का सेवन अधिक करना चाहिए, क्योंकि कामकाज में व्यस्तता होने के चलते इस उम्र में मसल्स कम होने लगते हैं और मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है। खाने में मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा लेने से शरीर को एनर्जी मिलती है। इस उम्र में बादाम,काजू, दूध,दही और पालक का सेवन सबसे अच्छा होता है।

35-45 की उम्र में क्या खाएं

35-45 साल की उम्र में शरीर में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, जिसके चलते बीमारियां बहुत जल्द शरीर पर अटैक कर देती हैं। इस उम्र में हेल्दी और फिट रहने के लिए डाइट में कैल्शियम और विटामिन वाली चीजों का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इस उम्र में भोजन में पत्तेदार सब्जियां, अंडे, मछली जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए।

45 से अधिक ज्यादा उम्र के लोगों के लिए डाइट

बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर और कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है, क्योंकि उम्र के साथ शरीर में इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। इस उम्र में हेल्दी डाइट को फॉलो करना बहुत जरूरी है। इस दौरान डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और कम फैट वाले डेयरी उत्पाद को शामिल करना चाहिए।

खाने के बाद इन 2 चीजों को तुरंत चबा लीजिए, पाचन तंत्र करने लगेगा तेजी से काम, सुबह उठते ही पेट की हो जाएगी सफाई। पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।