Foam In Urine: खराब लाइफस्टाइल और बेकार खानपान कई बीमारियों को न्योता देता है। शरीर में कोई भी बीमारी प्रवेश करती है तो उसके लक्षण पेशाब के माध्यम से भी दिखाई देते हैं। इन संकतों को समय रहते पहचानना और इलाज करवाना जरूरी है। लंबे समय तक पेशाब में झाग बन रहे हैं तो इसे नजरअंदाज करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हालांकि, बहुत देर तक पेशाब रोके रखना या तेज गति से पेशाब करना से भी झाग बन जाते हैं, लेकिन सामान्य रूप से ऐसा होना खतरनाक हो सकता है। शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. भुमेश त्यागी ने पेशाब में झाग बनने के कारण और उसके बचाव बताए हैं।
डॉ. भुमेश त्यागी के मुताबिक, पेशाब में झाग आना किडनी की समस्या का सबसे बड़ा संकेत है। दरअसल, जब शरीर में किसी भी तरह की खराबी होती है तो पेशाब का रंग बदलना और झाग बनना आदि जैसे संकेत दिखाई देते हैं, लेकिन इसे हमेशा नजरअंदाज कर दिया जाता है। यदि आप इन लक्षणों को बार-बार महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। चलिए आपको बताते हैं पेशाब में झाग बनने से किन बीमारियों का खतरा होता है।
किडनी की समस्या
किडनी शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है, किडनी को शरीर का फिल्टर भी माना जाता है ये खून को साफ करने का काम करती है। अगर, किडनी ठीक से काम नहीं करती तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। किडनी के सही से काम नहीं करने पर पेशाब में झाग भी बनने लगते हैं। किडनी संक्रमण, सूजन और पेशाब से जुड़ी असामान्यताएं पैदा हो सकती हैं।
शुगर की समस्या
हाई ब्लड शुगर के कारण किडनी पर प्रेशर पड़ता है। ऐसी स्थिति में पेशाब से झाग बन सकता है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति किडनी को कमजोर बना सकती है।
प्रोटीन का लेवल बढ़ाना
शरीर में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने से किडनी पर असर पड़ सकता है। इससे प्रोटीन पेशाब में के साथ मिल जाता है और झाग बनाता है। इसे प्रोटीनुरिया भी कहा जाता है। दरअसल, किडनी जब सही से काम करना बंद कर देती है तो पेशाब में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है। जिससे पेशाब में झाग बन जाता है।
डिहाइड्रेशन
अधिक पानी पीने और ज्यादा एक्सरसाइज करने से भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जिससे पेशाब गाढ़ा और झागदार हो सकता है। ऐसे में डिहाइड्रेशन की समस्या से बचने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए।
पेशाब में झाग नहीं आने के लिए क्या करें उपाय?
- शरीर को हाइड्रेट रखें।
- इलेक्ट्रोलाइट्स यानी पानी का बैलेंस ठीक रखें।
- पेशाब को ज्यादा समय तक रोके नहीं।
- समय-समय पर यूरिन टेस्ट भी करवा सकते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक, टॉयलेट का रंग खराब होना कई बीमारियों का शुरुआती लक्षण है। पीलिया, भूख न लगना और बिना किसी कारण के वजन कम होना जैसे अन्य लक्षणों के साथ गहरे रंग का टॉयलेट भी लिवर कैंसर का लक्षण हो सकता है।