कुछ लोगों का पाचन तंत्र ठीक नहीं रहता, वो जो कुछ भी खाते हैं वो पचता नहीं है और गैस की शिकायत बनी रहती है। गैस की परेशानी में पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कम लगती है। पाचन से जुड़ी इस परेशानी का असर स्किन पर साफ दिखता है। कब्ज की परेशानी होती है और स्किन पर दाग-धब्बे और मुहांसे रहते हैं। इन परेशानियों का एलोपैथी में कोई परमानेंट इलाज मौजूद नहीं है। रोजाना दवा का सेवन करने से थोड़ा बहुत फर्क पड़ता है लेकिन परेशानी जस की तस बनी रहती है। पाचन से जुड़ी ये सारी परेशानियां खाना नहीं पचने के कारण होती हैं। आयुर्वेद के मुताबिक इन परेशानियों को दूर करने के लिए खाने को पचाना जरूरी है।

पाचन तंत्र में खराबी होने का सबसे बड़ा कारण पेट की सड़न है। जब खाना पेट में जाता है और ठीक से पचता नहीं है तो वो सड़ता है। खाना पेट में जाकर पचने के बजाए सड़ता है तो उसी से गैस, एसिडिटी, पेट में भारीपन और भूख नहीं लगने की समस्या होती है।

पेट में जठराग्नि होती है जो खाना पेट में जाकर पचाने का काम करती है। जब ये अग्नि धीमी हो जाती है तो खाना पचता नहीं है सड़ने लगता है। इस अग्नि के मंद होने के 4 कारण है। आयुर्वेद के इन 4 नियम के मुताबिक अगर आप अपनी डाइट और रहन-सहन में बदलाव कर लेते हैं तो आपकी पाचन की सभी समस्याओं का हल आसानी से हो जाएगा। आइए जानते हैं कि आयुर्वेद में कौन से 4 नियम है जो खाने को सड़ने से बचाएंगे और उसका कण-कण पचाने में मदद करेंगे।

अशुद्ध आहार का सेवन करने से परहेज करें

अशुद्ध  आहार आपके पाचन को बिगाड़ सकता है। आपको गैस, एसिडिटी, अपच और पाचन से जुड़ी कई परेशानियों को बढ़ा सकता है। आयुर्वेद के मुताबिक आप भोजन को पकाने के तीन घंटे के अंदर खा लें। ज्यादा से ज्यादा आप 5 घंटे पुराना ही भोजन करें। 5 घंटे से ज्यादा पुराना भोजन आपके पेट की अग्नि पर दबाव डालता है। बाजार की डिब्बा बंद चीजें कई महीनों और हफ्तों पुरानी है आप अगर इसका सेवन करेंगे तो आपका पाचन कभी ठीक नहीं होगा। डिब्बाबंद फूड को लम्बे समय तक रखने के लिए उसमें केमिकल मिलाए जाते हैं जो सेहत के लिए हानिकारक है। इन फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।

सीमित मात्रा में भोजन करें

पाचन के लिए जितना जरूरी ताजा और अच्छा खाना होता है उतना ही जरूरी खाने की मात्रा का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। सीमित मात्रा में किया गया भोजन पाचन को ठीक रखता है। जिस तरह अग्नि में ज्यादा घी डालने से अग्नि भुज जाती है उसी तरह ज्यादा खाना खाने से पेट की अग्नि मंद पड़ जाती है और ठीक से काम नहीं करती। आप थोड़ा थोड़ा कई बार खाएं आपका पाचन ठीक रहेगा।

खाने का सही समय भी खाने को पचाता है

अगर आप चाहते हैं कि आपका भोजन पेट में पच जाए और सड़े नहीं तो आप खाना समय पर खाएं। सुबह का नाश्ता उठने के एक घंटे बाद करें जिसमें फल सब्जियों और जूस को शामिल करें। दोपहर का खाना आप 12 से 1 बजे तक खाएं और शाम का खाना 6 बजे तक खाएं। शाम का खाना हल्का खाएं और जल्दी खाएं। लोग रात का खाना देर से खाते हैं और हैवी खाते हैं और सीधा सोने चले जाते हैं जिसकी वजह से खाना पचता नहीं है सड़ने लगता है।

पर्याप्त मात्रा में पानी का करें सेवन

आयुर्वेद के मुताबिक पाचन को दुरुस्त करना है तो पर्याप्त मात्रा में पानी का भी सेवन करें। पर्याप्त पानी का सेवन करने से कब्ज दूर होगा और आपके पेट की खुलकर सफाई होगी। कब्ज होने पर पेट में खाना सड़ता रहता है और आपके पाचन को बिगाड़ देता है। पानी का पर्याप्त सेवन करने से खाने को गलाना आसान होता है और पाचन दुरुस्त रहता है।

पाचन को दुरुस्त करने के लिए इन बातों पर ध्यान देना भी है जरूरी

  • अगर आप पाचन दुरुस्त करना चाहते हैं तो स्मोकिंग से परहेज करें। नशीले पदार्थों का सेवन आपके पाचन को बिगाड़ता है।
  • तनाव से दूर रहें। तनाव आपके पाचन को बिगाड़ने में बेहद असरदार है।
  • खराब लाइफस्टाइल में सुधार करें। समय पर सोएं और जागें। बॉडी को एक्टिव रखें आपका पाचन ठीक रहेगा।