डायबिटीज से जूझ रहे लोगों में सुबह ब्लड शुगर हाई होना एक आम समस्या है। ब्लड शुगर हाई होने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़े कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। हार्मोन, रात का भोजन, इंसुलिन की कमी, स्ट्रेस और नींद पूरी न होना जैसी वजहें डायबिटीज मरीजों की ब्लड शुगर हाई होने के लिए जिम्मेदार हैं। डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए बॉडी को एक्टिव रखना बेहद जरूरी है। कई  रिसर्च बताती है कि अगर आप रात के खाने के बाद सिर्फ 15–20 मिनट टहलते हैं, तो मांसपेशियां ग्लूकोज़ को बेहतर तरीके से उपयोग करती हैं, जिससे रातभर शुगर लेवल स्थिर रहता है और सुबह ब्लड शुगर कंट्रोल में मिलता है।

eatingwell के मुताबिक रात को बॉडी एक्टिविटी का ध्यान रखा जाए और सही डाइट का सेवन किया जाए तो आसानी से सुबह ब्लड शुगर को नॉर्मल रखा जा सकता है। रात में खाने के बाद की एक्टिविटी और सही डिनर फास्टिंग से लेकर खाने के बाद तक का ब्लड शुगर नॉर्मल रखने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं कि डायबिटीज मरीज रात के खाने के बाद कौन-कौन सी आदतों को अपनाएं जो ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहे।  

रात के खाने के बाद टहलना

रात के खाने के बाद 15-20 मिनट की वॉक ब्लड शुगर को तेजी से कंट्रोल करती है। भोजन के बाद जब मांसपेशियां एक्टिव रहती हैं, तो वे ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में उपयोग करती हैं, जिससे इंसुलिन की जरूरत कम हो जाती है और शुगर स्पाइक नहीं होता। यह आदत रात में ब्लड शुगर को स्थिर रखती है और सुबह फास्टिंग शुगर बेहतर मिलती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह सरल, टिकाऊ और सबसे प्रभावी आदतों में से एक है।

हाई-फाइबर डिनर लेना

रात में ऐसा भोजन लें जिसमें फाइबर अधिक हो, जैसे दालें, हरी सब्जियां, होल ग्रेन और फल। फाइबर भोजन को धीरे पचाता है और ग्लूकोज को धीरे-धीरे रक्त में रिलीज करता है, जिससे अचानक शुगर लेवल नहीं बढ़ता। ये इंसुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ाता है और देर रात होने वाले शुगर स्पाइक को रोकता है। फाइबर से पेट भरा रहता है, जिससे मीठा खाने की क्रेविंग कम होती है और सुबह ब्लड शुगर बेहतर मिलता है।

रात का खाना जल्दी खाना

डिनर जल्दी खाने से शरीर को सोने से पहले पाचन पूरा करने का समय मिल जाता है, जिससे रातभर शुगर लेवल स्थिर रहता है। 10–12 घंटे का ओवरनाइट फास्ट शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और सुबह की फास्टिंग शुगर को बेहतर करता है। देर से खाना या भारी भोजन रात में शुगर बढ़ा सकता है, जो सुबह फास्टिंग शुगर की हाई रीडिंग देता है। इसलिए कोशिश करें कि डिनर सोने से 2–3 घंटे पहले खा लें।

सोने से पहले ब्लड शुगर मॉनिटर करना

अगर सुबह शुगर लगातार हाई आ रही है, तो सोने से पहले शुगर चेक करना जरूरी है। इससे पता चलता है कि आपकी रात की शुगर किस स्थिति में है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से इंसुलिन या दवाइयों में बदलाव किया जा सकता है। कई बार रात में शुगर गिरने के बाद शरीर ज्यादा ग्लूकोज बनाता है। इसे पहचानने से सही ट्रीटमेंट प्लान बनाने में मदद मिलती है।

मेडिटेशन और इंसुलिन सेटिंग सही करें

अगर लाइफस्टाइल बदलाव के बाद भी सुबह शुगर बढ़ी रहती है तो यह गलत इंसुलिन डोज, डे-टू-डे उतार-चढ़ाव, डॉन फेनोमेना या दवाओं की कमी का संकेत हो सकता है। डॉक्टर को अपने ब्लड शुगर पैटर्न दिखाएं ताकि वह आपकी दवाओं, बेसल इंसुलिन या समय में बदलाव कर सकें। सुबह कॉर्टिसोल और ग्रोथ हार्मोन बढ़ने से भी शुगर बढ़ता है, जिसे सही इंसुलिन सेटिंग्स से कंट्रोल किया जा सकता है।

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