आज के समय में फैटी लिवर की बीमारी बेहद ही आम हो गई है। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 10 लाख लोग फैटी लिवर की बीमारी से जूझते हैं। आज के समय में खराब खानपान, शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान, अव्यवस्थित जीवनशैली और कोई फिजिकल एक्टीविटी ना करने के कारण लोग फैटी लिवर की बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक फैटी लिवर डिजीज से ग्रस्त लोगों के लिवर में सूजन या सिकुड़न आ सकती है।
फैटी लिवर के मरीजों को कई तरह की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। कई बार तो स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि लिवर का ट्रांसप्लांट तक करवाना पड़ जाता है। लिवर शरीर के प्रमुख अंगों में से एक है, जो खाने को पचाने, पोषक तत्वों को प्रोसेस करने और विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करता है।
फैटी लिवर की बीमारी को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। क्योंकि इसके लक्षण आसानी से सामने नहीं आते। इस कारण अक्सर लोग छाती के दर्द को सामान्य समझ लेते हैं लेकिन कई बार यह फैटी लिवर का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में अगर आपको छाती में दर्द की परेशानी हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
फैटी लिवर के लक्षण: फैटी लिवर की बीमारी से ग्रसित मरीजों को पेट के दाहिने हिस्से में दर्द और सूजन की परेशानी होती है। इसके अलावा वजन कम होना, थकान, कमजोरी, छाती में दर्द, पैरों में सूजन, भूख की कमी आंखों का रंग हल्का होना, त्वचा पर पीले धब्बे या फिर ब्लड क्लॉट, भ्रम की स्थिति और पेशाब का रंग गहरा होने की समस्या हो सकती हैं।
फैटी लिवर के मरीज इन चीजों का सेवन करने से बचें: फैटी लिवर के मरीजों को शराब, सोडा, सॉफ्ट ड्रिंक और धूम्रपान आदि का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। हेल्थ एक्सप्रर्ट्स फैटी लिवर के मरीजों को फलों के रस का सेवन करने से भी बचने की सलाह देते हैं। क्योंकि फलों में फ्रुक्टोज की अधिक मात्रा होती है, जो लिवर के लिए हानिकारक साबित होते हैं।