वर्तमान समय में दुनिया भर में मोटापा की समस्या तेजी से बढ़ रही है और यही फैटी लीवर की मुख्य वजह है। बढ़ता वजन के साथ शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती है। और गलत खान- पान के चलते, जैसे जंक फूड, अधिक शराब के सेवन और खान-पान की गलत आदतों के कारण लीवर फैटी हो जाता है।

जब लीवर अपने भार से 10 फीसदी ज्यादा फैटी हो जाता है तो इस स्थिति को फैटी लिवर कहा है। वहीं अगर कोई व्यक्ति मोटापे के साथ-साथ मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर से भी पीड़ित है और शराब का भी सेवन करता है तो ऐसे लोगों में लीवर कैंसर होने का खतरा आम लोगों की तुलना में ढाई गुना बढ़ जाता है। इसमें लिवर में सूजन या फिर सिकुड़न आने लगती है। हालांकि, खानपान और जीवन-शैली में सुधार कर लिवर की इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

नियमित जांच: जो लोग नियमित जांच कराते हैं, उन्हें समय पर फैटी लीवर के बारे में जानकारी मिल जाती है। फैटी लीवर रोग के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव है। जब बीमारी बढ़ जाती है तो रोगी डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। कारण कि, इसका लक्षण काफी देर से सामने आता है। सही समय पर इलाज नहीं होने से यह बीमारी लीवर सिरोसिस व लीवर कैंसर के रूप में तब्दील हो जाती है। ऐसे मरीजों की संख्या 2 से 3 फीसद होती है।

जंक फ़ूड से दूरी: फैटी लीवर में जो रोगी शुगर, कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर का शिकार हैं, उसे उसके अनुसार दवा दी जाती है। फैटी लीवर में कुछ लोगों को विटामीन-ई की दवा दी जाती है। इसके अलावा कोई अलग से दवा नहीं है जबकि अधिकांश मरीजों को वजन कम करने की सलाह के साथ नियमित रूप से टहलने से लेकर शारीरिक श्रम अनिवार्य करने के लिए कहा जाता है। फैटी लीवर के मरीजों के लिए सबसे नुकसानदेह चीजें जैसे हाई कैलोरी वाले भोजन व जंक फूड पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाती है।

हरी सब्जियों का सेवन: जो लोग फैटी लिवर की बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अपने खाने में हरी सब्जियों को शामिल करनी चाहिए। इसके लिए आप अपने खाने में पालक, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और केल आदि को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। फैटी लिवर के मरीजों को नियमित तौर पर साग (सरसों, पालक, मेथी, बथुआ आदि) खाना चाहिए। इसके अतिरिक्त आप ब्रोकली को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।