क्या आप भी रोज सुबह उठकर फ्रेश फील करने के लिए अपनी आंखों में पानी मारकर उन्हें साफ करते हैं? अगर हां, तो बता दें कि आपका सुस्ती को दूर करने का ये तरीका आपकी आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, हाल ही में फेमस यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया ने अपने नए पॉडकास्ट में लेसिक और मोतियाबिंद सर्जन डॉ. राहिल चौधरी से आंखों की अच्छी सेहत से जुड़े कई अहम सवालों को लेकर बात की। सवाल-जवाब के इसी सिलसिले के बीच डॉ. चौधरी ने बताया कि सुबह उठते ही आंखों पर पानी के छीटें मारना बेहद खराब आदत है, जो आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

पॉडकास्ट के दौरान डॉ. ने बताया, ‘हमारी आंखों में आंसू ग्रंथियां (Tear Glands) होती हैं, जिनमें एक नेचुरल ऑयल होता है। ऐसे में जब आप कई बार आंखों पर पानी के छींटे मारते हैं तो आप आंखों में मौजूद उस टीयर फ्लूड को भी धो देते हैं। इससे आंखों में ड्राईनेस की समस्या बढ़ जाती है।’

तो क्या आंखों को साफ करना सही नहीं है?

इस सवाल को लेकर डॉ. बताते हैं कि हमारी आंखों के पास एक नेचुरल मैकेनिज्म यानी खास तरीका होता है, जिसकी मदद से वे खुद साफ रहती हैं और उन्हें सफाई के लिए किसी अन्य तरीके की जरूरत नहीं होती है।

क्या कहते हैं अन्य एक्सपर्ट्स?

डॉ. राहिल चौधरी की बातों से सहमति जताते हुए इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान मैक्स मल्टी स्पेशलिटी सेंटर, पंचशील पार्क की प्रमुख सलाहकार और नेत्र विज्ञान डॉ. दीपाली गर्ग माथुर ने बताया, ‘हमारी आंखों में नेचुरल तौर पर आंसू मौजूद होते हैं। ये आंसू आंखों में जाने वाली गंदगी, मलबे आदि को धोने के लिए एक लूबरिकेंट की तरह काम करते हैं, साथ ही आंखों में गंदगी से होने वाले इंफेक्शन के खतरे को भी कम करते हैं।’

विस्तार से बात करते हुए डॉ. माथुर बताती हैं, ‘आंसू द्रव यानी टीयर फ्लूड में स्वाभाविक रूप से 3 परतें होती हैं, पहली पानी की परत, दूसरी म्यूसिन परत और तीसरी लिपिड, साथ ही इसमें लाइसोजाइम, लैक्टोफेरिन, लिपोकेलिन, लैक्टोफेरिन, इम्युनोग्लोबुलिन, ग्लूकोज, यूरिया, सोडियम और पोटैशियम जैसे पदार्थ होते हैं। ये पदार्थ आंखों को बैक्टीरियल संक्रमण से बचाने में मददगार होते हैं। वहीं, जब आप पानी से आंखों को धोते हैं, तो ये तरीका आपको कुछ समय के लिए फ्रेश फील करा सकता है हालांकि, लंबे समय पर इससे आंखों को नुकसान भी पहुंचने लगता है।’

डॉ. माथुर से अलग मैक्स विजन आई हॉस्पिटल, कुकटपल्ली में सीनियर कॉर्निया और रिफ्रेक्टिव सर्जरन डॉ. माधवी मजेटी ने बताया, ‘आंखों में कॉर्निया और कंजंक्टिवा बेहद संवेदनशील होती हैं। वहीं, पानी में कई तरह की अशुद्धियां या ऐसे माइक्रोऑर्गेनिज्म मौजूद हो सकते हैं, जो नेत्र स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं। ऐसे में नल का पानी सीधे अपनी आंखों पर छिड़कने से ये दूषित पदार्थ आंखों में जा सकते हैं, इससे ड्राईनेस होने के साथ-साथ आंखों में तेज जलन या संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है।’

फिर क्या है सही तरीका?

इसे लेकर डॉ. मजेटी बताती हैं, ‘कभी भी अपनी आंखों पर सीधे पानी छिड़कने के बजाय आंखों के आसपास के क्षेत्रल को किसी साफ और नम कपड़े की मदद से धीरे से पोंछें। इससे रात भर का आंखों में जमा हुआ कोई भी मलबा या गंदगी भी साफ हो जाएगी साथ ही आपकी आंखों को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।’

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।