मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला लहसुन भारत के लगभग हर किचेन में इस्तेमाल किए जाने वाली एक आम और खास सामग्री है। आयुर्वेद में सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की कली खाने के फायदे भी बताए गए हैं। खाने के अलावा लहसुन को कई तरह के घरेलू नुस्खों और देसी इलाज में भी प्रयोग किया जाता है।

लहसुन के स्वाद के दीवाने सिर्फ भारतीय ही नहीं विदेशी भी हैं। इसे इम्‍यूनिटी (Immunity) बढ़ाने का भी जरिया माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है लहसुन (Garlic) के सेवन को लेकर हुई कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि इसका अधिक मात्रा में सेवन सेहत के लिए बहुत घातक हो सकता है। लहसुन में मौजूद गुणों के कारण इसका इस्तेमाल कैंसर (Cancer) जैसी घातक समस्या में भी उपयोगी माना जाता है लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन आपके पाचन तंत्र (Digestive system) और पूरे शरीर के लिए नुकसानदायक माना जाता है।

लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह रक्त शोधन (blood purification), वसा चयापचय (fat metabolism), प्रोटीन चयापचय (protein metabolism) और हमारे शरीर से अमोनिया (ammonia) को हटाने जैसे विभिन्न कार्य करता है। कई अध्ययनों के अनुसार, यह पाया गया है कि लहसुन (Garlic) में एलिसिन नामक एक यौगिक होता है, जो अधिक मात्रा में लेने पर लिवर की विषाक्तता (liver toxicity) का कारण बन सकता है।

बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक: गर्भवती महिलाओं को लहसुन खाने से परहेज करने को कहा जाता है। लहसुन की तासीर गर्म होती है। गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस अवधि के दौरान लहसुन खाने से बचना चाहिए। एक्सपर्ट बताते हैं कि दूध पिलाने वाली महिलाएं अगर लहसुन का अधिक सेवन करती हैं तो ब्रेस्ट मिल्क का टेस्ट बदल जाता है जो बच्चे के लिए ठीक नहीं है।

अधिक ब्लीडिंग: लहसुन का अधिक इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें खून पतला करने के गुण होते हैं। इसके अधिक सेवन से ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। साथ ही लहसुन को आवश्कता से अधिक सेवन करने से सांस में बदबू का कारण बन सकती है, इसके अलावा कच्चे लहसुन (Garlic) में एंटी ऑक्सीडेंट अधिक मात्रा में होते हैं, इसका अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से लिवर में टॉक्सिसिटी हो सकती है।

लो बीपी का कारण: लहसुन के सेवन से बीपी कंट्रोल करने में मदद मिलती है, इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से ब्लड प्रेशर एकदम से कम हो सकता है। अपने गर्म तासीर की वजह से इसका सेवन करने से अत्यधिक पसीना आने लगता है।