Sweaty Hands: गर्मियों में पसीना आना एक आम बात है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पसीना आना न केवल असुविधा पैदा करता है बल्कि शर्मिंदगी का कारण भी बनता है। हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार देश में करीब 7 से 8 फीसदी लोगों में अधिक पसीने की शिकायत होती है। आमतौर पर पसीना आने को स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद माना जाता है। लेकिन ज्यादा पसीना आने से कई खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ता है। हाथ-पैर में ज्यादा पसीना आना स्वभाविक नहीं है, हाइपरहाइड्रोसिस का संकेत हो सकता है। आइए जानते हैं किन कारणों से शरीर में ज्यादा पसीना आता है –

इस बीमारी के हो सकते हैं मरीज: नॉर्मल या कम तापमान में भी अगर आपको सामान्य से अधिक पसीना आता है तो ऐसा हाइपरहाइड्रोसिस के कारण हो सकता है। इस रोग से पीड़ित लोगों में पसीने की ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। यही कारण है कि लोगों को इस बीमारी में पसीना अधिक आने लगता है। मरीजों को हाथ, पैर और आर्मपिट में ज्यादा पसीना आने लगता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार ये परेशानी किशोरावस्था से ही शुरू हो जाती है।

जानें कब हो सकता है खतरनाक: हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी दो प्रकार की होती है, प्राइमरी और सेकेंड्री। प्राइमरी हाइपरहाइड्रोसिस में पसीना आने के पीछे कोई गंभीर कारण ही हो, ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन सेकेंड्री हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित मरीज कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। केंड्री हाइपरहाइड्रोसिस हाई ब्लड शुगर, लो ब्लड शुगर, हाइपर थायरॉइडिज्म जैसी कई बीमारियों को बुलावा देता है।

क्या हैं हाइपरहाइड्रोसिस के पीछे की वजह: स्वेट ग्लैंड के ओवर एक्टिव होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें स्मोकिंग, स्ट्रेस, प्रेग्नेंसी अथवा मेनोपॉज शामिल हैं। इसके अलावा, दूसरी गंभीर बीमारियां जैसे कि डायबिटीज, मेनोपॉज, थायरॉयड, कैंसर और मोटापा से पीड़ित मरीजों में भी ये परेशानी देखने को मिलती है।

पसीना रोकने के कुछ घरेलू उपाय भी जानें: ज्यादा पसीना शरीर में दुर्गंध पैदा करता है, इससे बचने के लिए अक्सर लोग डियोडरेंट का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, कुछ लोग इसके कारण पब्लिक प्लेस में जाने से भी कतराते हैं। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय काम आ सकते हैं। हाथों से पसीने को सोखने के लिए एक कटोरे पानी में 4-5 टीबैग डालें। अब अपने हाथों को उस पानी में रखें। नियमित ऐसा करने से पसीना आना कम होगा। इसके अलावा, कॉटन और सुविधाजनक कपड़े पहनें।