महिलाओं को हर उम्र में अपनी देखभाल करने की जरूरत है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं की बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। 40 साल के बाद महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हड्डियों के दर्द की होती है। महिलाओं को ओस्टियोपोरोसिस का जोखिम ज्यादा होता है, क्योंकि महिलाओं की हड्डियां ज्यादा कंपैक्ट और कम मोटी होती हैं। ओस्टियोपोरोसिस महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है जो मेनोपॉज के बाद देखने को ज्यादा मिलती है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों को सहारा देने वाले हॉर्मोन कम रिलीज होने लगते हैं।
महिलाओं की उम्र बढ़ने पर हड्डियों का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस कहलाता है। इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने पर महिलाओं को चाहिए कि वो हर कदम संभल कर चलें। उन्हें किसी भी कीमत पर गिरना नहीं है। उनकी हड्डियों में लगने वाली चोट उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर सकती है। उम्र बढ़ने पर ‘ऑस्टियोपेनिया’ का खतरा बढ़ने लगता है जिससे हड्डियां जल्दी टूट जाती हैं।
महिलाएं किसी भी उम्र में हो वो अपनी देखभाल करें। उन्हें गिरना नहीं हैं सिर्फ संभलना है। बुजुर्ग महिलाएं खास कर संभलकर चलें। एक बार अगर वो गिर गईं और उनकी हड्डियों में चोट आ गई तो ये चोट मौत का कारण भी बन सकती है। बुजुर्ग महिलाएं फ्रैक्चर से बचाव करने के लिए और आकस्मिक चोटों से बचाव करने के लिए एक एक कदम फूंक-फूंक कर रखें। हम आपको कुछ खास टिप्स बताते हैं जिन्हें महिलाएं अपनाएं तो हर दिन होने वाले हादसों से बच सकती हैं।
हड्डियों को टूटने से बचाना है तो महिलाएं इन बातों का जरूर रखें ध्यान
- कभी भी कुछ भी करने के लिए कुर्सी या स्टूल पर खड़े न हों, चाहे स्टूल छोटा हो या ऊंचा हो स्टूल पर भूलकर भी खड़े नहीं हो।
- कोशिश करें कि बरसात के दिनों में बाहर नहीं निकलें। बारिश में फिसलने का डर ज्यादा रहता है।
- फिसलने से बचने के लिए नहाते समय या टॉयलेट जाते समय खास ध्यान रखें।
- महिलाओं के लिए सबसे जरूरी है कि वो बाथरूम में नहाते समय पैंटी नहीं पहनें। दीवार या स्टैंड का सहारा लेकर पैंटी पहनने की कोशिश करना गलत प्रेक्टिस है। इस तरह पैंटी पहनने से फिसलने और कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर होने का खतरा अधिक रहता है। नहाने के बाद आप अपने चेंजिंग रूम में जाए,कुर्सी या अपने बिस्तर पर बैठकर ही अपनी पैंटी पहनें।
- शौचालय जाते समय ध्यान रखें कि बाथरूम का फर्श सूखा हो और फिसलने का खतरा नहीं हो। महिलाएं खासकर केवल कॉमोड का इस्तेमाल करें। याद रखें कि कॉमोड सीट से सीधे उठते समय इसे पकड़ने के लिए एक हैंड रेस्ट भी लगा लें जिसे पकड़कर महिलाएं उठें। नहाते समय ध्यान रखें कि नहाने वाले स्टूल पर बैठकर ही नहाएं ताकि उन्हें किसी तरह की चोट का खतरा नहीं रहे।
- बिस्तर पर जाने से पहले रूम का फर्श साफ और सूखा रखें। फर्श गीला होने पर सावधानी बरतें।आधी रात को उठते समय 3-4 मिनट के लिए बिस्तर पर बैठें, ध्यान रखें कि पहले लाइट जला लें और फिर बिस्तर से उठें।
- शौचालय जाते समय ध्यान रखें कि उसका दरवाजा बंद नहीं करें खासकर रात के समय दरवाजा खोलकर ही टॉयलेट जाएं। यदि संभव हो तो शौचालय में एक अलार्म घंटी लगा दें, ताकि किसी भी इमर्जेंसी में अलार्म बटन दबाने से परिवार के सदस्यों को पता चल सके।
- वरिष्ठ नागरिकों को कुर्सी या बिस्तर पर बैठना चाहिए तभी कपड़े चेंज करना चाहिए।
- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए एक्सरसाइज जरूर करें। कम से कम पैदल जरूर चलें।
- महिलाएं अपना वजन कंट्रोल करें। वजन आपकी हाइट और उम्र के मुताबिक रहना जरूरी है। ज्यादा वजन हड्डियों पर दबाव डालता है और हड्डियों को कमजोर बनाता है। ज्यादा खाने से परहेज करें। भूख जितनी है उससे कुछ कम ही खाएं।
- हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ऐसी डाइट है जरूरी
हड्डियों के द्रव्यमान को बढ़ाने के लिए महिलाएं डाइट का विशेष ध्यान रखें। डाइट में डेयरी उत्पाद, सोया उत्पाद और समुद्री भोजन, विशेष रूप से झींगा की खाल का सेवन करें। इन फूड्स में कैल्शियम भरपूर मौजूद होता है।
बुजुर्ग खासकर इस तरह रखें सेहत का ख्याल:
- आंकड़ों के मुताबिक बुजुर्ग लोग अगर एक बार गिर जाए और उन्हें हड्डियों पर चोट लग जाए तो उस चोट से उनकी मौत तक हो सकती है।
- गिरने से फ्रैक्चर होना जरूरी नहीं है, लेकिन गिरने का कंपन और ताकत बुजुर्गों के पूरे शरीर को गंभीर स्थिति में पहुंचा सकती है।
- बुजुर्ग लोग बाथरूम में संभल कर चलें। सीढ़ियां चढ़ते समय रेलिंग पर ध्यान दें और गिरें नहीं। सब लोग अपना ख्याल रखें।
- आप जानते हैं कि अगर कोई महिला एक बार गिर जाए तो उसके आने वाले दस साल खतम हो सकते हैं। गिरने से उनकी सारी हड्डियां और मांसपेशियां नष्ट हो जाती हैं।
(डॉ.रामविलास मालानी,नागपुर से बातचीत पर अधारित)