ब्लड कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसे हीमैटोलॉजी कैंसर भी कहा जाता है। इस बीमारी की शुरुआत तब होती है जब बोन मैरो असामान्य ब्लड सेल्स बनाना शुरू कर देता है जो सही तरीके से काम नहीं करतीं। ये असामान्य कोशिकाएं हेल्दी कोशिकाओं की जगह ले लेती हैं, जिससे नॉर्मल ब्लड सेल्स की निर्माण प्रक्रिया बाधित हो जाती है। इस बीमारी के कारण, जोखिम कारक, लक्षण और उपचार को समझने के लिए इस बीमारी के बारे में जानना बेहद जरूरी है। नियमित हेल्थ चेकअप और मेडिकल स्क्रीनिंग से इस बीमारी का जल्दी पता लगाया जा सकता है।

ब्लड कैंसर (Blood Cancer) जिसे मेडिकल भाषा में हेमेटोलॉजिकल कैंसर (Hematologic Cancer) कहा जाता है। ये एक प्रकार का कैंसर है जो खून, बोन मैरो और लिंफ प्रणाली (lymphatic system) को प्रभावित करता है। ब्लड कैंसर का पहला स्टेज (Stage 1) उस प्रारंभिक अवस्था को दर्शाता है जब शरीर में कैंसर की मौजूदगी कम होती है और लक्षण हल्के या अस्पष्ट हो सकते हैं।
ब्लड कैंसर तीन प्रकार का होता है जैसे

  1. ल्यूकेमिया (Leukemia)

यह कैंसर खून और बोन मैरो को प्रभावित करता है। इसमें सफेद रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) अत्यधिक मात्रा में और असामान्य रूप से बनती हैं। इस स्टेज में बीमारी का फैलाव सीमित होता है और इलाज किया जा सकता है।

  1. लिंफोमा (Lymphoma)

यह कैंसर लिंफेटिक सिस्टम जिसमें लिंफ नोड्स, तिल्ली, और लिंफोसाइट्स शामिल हैं उसको प्रभावित करता है।

  1. मायलोमा (Myeloma)

यह प्लाज़्मा सेल्स का कैंसर है जो बोन मैरो में बनता हैं। यह एंटीबॉडीज़ बनाने वाले सेल्स को प्रभावित करता है और इम्यूनिटी को कम कर देता है। ब्लड कैंसर यूके की सीनियर स्पोर्ट नर्स जेम्मा रक्त कैंसर के सामान्य लक्षणों के बारे में बताती हैं। एक्सपर्ट ने बताया ब्लड कैंसर की बीमारी का इलाज करने के लिए पहले इसके लक्षणों को समझना जरूरी है। लक्षणों की जल्दी पहचान और तुरंत इलाज अच्छे परिणामों के लिए बेहद जरूरी हैं। आइए जानते हैं कि ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान कैसे करें।

थकान और सांस फूलना

ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षणों की बात करें तो थकान और सांस फूलना पहला लक्षण है।  अगर आप पर्याप्त आराम के बाद भी कमजोर और थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह एनीमिया या कम रेड ब्लड सेल काउंट का संकेत हो सकता है, जो ल्यूकेमिया या लिंफोमा जैसे ब्लड कैंसर में आम बात है।

लिम्फ नोड्स में सूजन और बार-बार इंफेक्शन

लिम्फ नोड्स में सूजन लिंफोमा या ल्यूकेमिया का संकेत हो सकती है। बार-बार इन्फेक्शन होना कमजोर इम्यूनिटी के कारण होता है, जो ब्लड कैंसर में सामान्य है।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना

हड्डियों या जोड़ों में दर्द ल्यूकेमिया या लिंफोमा का लक्षण हो सकता है, खासकर तब जब कैंसर हड्डियों या जोड़ों तक फैल गया हो। अगर दर्द लगातार बना रहे या तेज हो, तो डॉक्टर से तुरंत जांच करवाना जरूरी है।

पसीना आना और लगातार बुखार होना

रात को पसीने से भीग जाना और बार-बार बुखार आना लिंफोमा या ल्यूकेमिया जैसे ब्लड कैंसर का संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करें, बल्कि जल्द से जल्द मेडिकल जांच कराएं।

लिवर का आकार बढ़ना

लिवर का आकार बढ़ जाना (Hepatosplenomegaly) भी ल्यूकेमिया या लिंफोमा का संकेत हो सकता है।

बिना वजह वजन घटना

अगर बिना एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में बदलाव किए आपका वजन बेवजह कम हो रहा है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। यह ब्लड कैंसर का एक संभावित लक्षण हो सकता है। कैंसर कोशिकाएं मेटाबॉलिज्म और भूख को प्रभावित कर सकती हैं।

असामान्य रूप से खून आना या शरीर पर निशान पड़ना

आसानी से शरीर पर नील पड़ जाना, मसूड़ों से खून आना, स्किन पर छोटे-छोटे लाल धब्बे (petechiae) आना ये सभी कम प्लेटलेट्स और ब्लड क्लॉटिंग की समस्या के संकेत हो सकते हैं। नाक से खून आना या पीरियड्स में  बहुत अधिक ब्लीडिंग होना भी ब्लड कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

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