Cholesterol Control Tips: हेल्दी और फिट शरीर के लिए अपनी लाइफस्टाइल और खानपान का खास ध्यान रखना पड़ता है। हेल्दी शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल की भूमिका भी अहम होती है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर हार्ट पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इससे हार्ट संबंधी समस्या और अटैक का खतरा अधिक बढ़ जाता है। कई अध्ययनों में भी ये बात सामने आई है कि हार्ट की हेल्थ के लिए खानपान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 2019 में करंट मेडिसिनल केमिस्ट्री पत्रिका में छपी एक रिसर्च के अनुसार, विटामिन युक्त भोजन करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है और हृदय रोग का जोखिम कम होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर में हार्ट के चलते ही सबसे अधिक मौतें होती हैं। चलिए आपको बताते हैं सर्दियों में कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ जाता है और कोलेस्ट्रॉल को कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।

क्या होता है कोलेस्ट्रॉल?

कोलेस्ट्रॉल वसा की तरह चिपचिपा पदार्थ होता है, जो हमारी डाइट के जरिए बॉडी में पहुंचकर नसों में जमने लगता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक  LDL Cholesterol तो दूसरा   HDL Cholesterol है। LDL Cholesterol खराब कोलेस्ट्रॉल तो HDL Cholesterol गुड कोलेस्ट्रॉल होता है। बॉडी में  HDL Cholesterol के बढ़ने से कई तरह की समस्याएं बढ़ने लगती है और दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।

सर्दियों में क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल?

सर्दियों के मौसम में फैट युक्त, ऑइली और जंक फ़ूड्स का सेवन अधिक बढ़ जाता है। जैसे उदाहरण के तौर पर जब घर पर बैठे हैं और ठंड अधिक हो रही तो ऐसे में चाय पकोड़े का सेवन करना बहुत अच्छा लगता है। अब चाव-चाव में कई पकोड़े खा लेते हैं। ऐसे ही सर्दियों के मौसम घूमना-टहलना और एक्सरसाइज करना भी बहुत कम हो जाता है, क्योंकि बाहर जाते हैं तो ठंड लगती है। इसी तरह सर्दी में लाइफस्टाइल के साथ ही खानपान में भी बदलाव हो जाता है। फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जिसके चलते शरीर के अंदर से सोडियम नहीं निकल पाता है। इन सब स्थितियों के चलते ब्लड वेसल्स सिकुड़ने लगती है और नसों में बैड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। बैड कोलेस्ट्रॉल जमा होने से हार्ट पर दबाव पड़ता है और हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

कैसे बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल ?

  • वजन बढ़ने के चलते भी LDL कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा सकता है।
  • कुछ रोगों की वजह से भी इस गंदे कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है।
  • कुछ क्रोनिक बीमारियां जैसे हाई ब्लड शुगर, किडनी डिजीज इस कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का कारण बन सकता है।
  • बढ़ती उम्र में भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है।  
  • फैमिली हिस्ट्री भी इस बीमारी के बढ़ने का कारण बनती है।
  • नशीले पदार्थों का सेवन जैसे तंबाकू और सिगरेट का सेवन से भी कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से क्या होती है दिक्कत ?

शरीर में सेल्स के निर्माण, विटामिन और हार्मोनल बदलाव में के लिए कोलेस्ट्रॉल की अहम भूमिका होती है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल के ज्यादा होने से कई स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक आदि होने की संभावना बढ़ सकती है। सदियों में बीपी की समस्या वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। उन्हें अपनी डाइट में हेल्दी चीजों का सेवन करना चाहिए।

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए क्या करें?

  • कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की जरूर होती है।
  • ऐसे में उचित भोजन और रोज व्यायाम करें।
  • रात में सोने से चार घंटे पहले पौष्टिक और हल्का भोजन करें।
  • पर्याप्त नींद लें और प्रतिदिन 20 से 30 मिनट तक एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।
  • इन सब तरीकों से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।

इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए शलजम का सेवन किया जा सकता है। शलजम में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करते हैं और हृदय को स्वस्थ रखते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी संतुलित करता है।