वर्तमान समय में अनियमित जीवन-शैली, खराब खानपान, तनाव और किसी फिजिकल एक्टिविटी में हिस्सा ना लेने के कारण लोग ऐसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, जो पहले बड़े-बुजुर्गों को हुआ करती थीं। एक ऐसी ही बीमारी है डायबिटीज की। डायबिटीज यानी मधुमेह एक क्रॉनिक डिसीज है, आज देश की आबादी का 7.8 प्रतिशत हिस्सा इस बीमारी से जूझ रहा है। डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है।

शरीर में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, ब्रेन स्ट्रोक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी जानलेवा स्थिति भी पैदा हो सकती है। वैसे तो डायबिटीज के कुछ लक्षण स्पष्ट हैं, जिनकी जानकारी लगभग हर किसी को होती है। लेकिन कुछ लक्षण ऐसे हैं, जो दिखाई नहीं देते। मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त लोगों को शुरुआत में अधिक पेशाब आना, थकान, अधिक भूख लगना और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती है। लेकिन इनके अलावा मुंह सूखना, दांतों में सड़न, मुंह में बदबू और मसूड़ों पर सूजन आदि भी डायबिटीज के लक्षण हो सकते हैं।

मुंह के लक्षण:

सूखा मुंह: डायबिटीज के मरीजों को शुरुआत में मुंह सूखने की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में आप हर वक्त प्यासा महसूस करते हैं। इसके अलावा मुंह के लक्षणों में फटे होंठ, मुंह में छाले, चीजें निगलने और चबाने में कठिनाई आदि भी शामिल हैं।

दांत खराब: टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के दांत भी खराब हो सकते हैं। दरअसल रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने से मसूड़ों और दांतों के आसपास मैल जम जाता है, जिससे दांत खराब हो सकते हैं। इसके अलावा मसूड़ों में सूजन, दर्द और दांत में दर्द आदि समस्याएं भी हो सकती हैं।

मसूड़ों की बीमारी: अगर आपके शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ गया है तो इसके कारण आपके मसूड़ों में भी परेशानी होने लगती है। इस लक्षण से पता चल सकता है कि आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ गया है। हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण आपको लाल मसूड़ें, सूजन, खून आना, दांत ढीले होना और सांसों की बदबू की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आपके मुंह का स्वाद भी खराब हो सकता है।