मूली एक ऐसी सब्जी है जो सर्दी की फसल है। इस सब्जी का सेवन सलाद के रूप में, भुजिया बनाकर, परांठा बनाकर और अचार के रूप में किया जाता है। मूली को पोषक तत्वों का पावर हाउस माना जाता है जो बॉडी को हेल्दी रखती है। मूली विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन के से भरपूर होती है जो बॉडी को हेल्दी रखती है। इसका सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और पाचन में सुधार होता है। ये सब्जी स्किन की रंगत में भी निखार लाती है। मूली का सेवन उसके पत्तों के साथ किया जाए तो बॉडी को डबल फायदा होता है।
ग्लेनीगल्स अवेयर हॉस्पिटल, एलबी नगर, हैदराबाद की चीफ डाइटीशियन डॉ. बिराली श्वेता ने बताया मूली की तरह उसके पत्ते भी सेहत के लिए अमृत की तरह असर करते हैं। मूली के पत्ते पोषक तत्वों का पावरहाउस है जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
मूली को पत्तों के साथ सर्दी में खाने से सेहत को खासतौर पर फायदा होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो मौसमी संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर इस सब्जी का सेवन करने से कुछ लोगों को गैस, एसिडिटी और खट्टी डकारें परेशान करती हैं। अब सवाल ये उठता है कि पाचन को दुरुस्त करने वाली ये सब्जी पाचन को ही क्यों खराब करती है। कुछ लोगों को मूली खाने के बाद उनके पेट में गैस बनती है।
आयुर्वेदिक एनोरेक्टल सर्जन डॉ. वरुण शर्मा ने बताया कुछ लोगों का पाचन बेहद सेंसिटिव होता है अगर ऐसे लोग मूली का सेवन सही तरीके से सही समय पर नहीं करें तो उनको गैस परेशान करती है। आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानते हैं कि मूली का सेवन किस तरह करें कि गैस और एसिडिटी से राहत मिलें।
मूली को घी में पकाकर खाने से क्या गैस की समस्या नहीं होती?
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट ने बताया मूली अगर गैस करती है तो आप उसका सेवन खाली पेट नहीं करें। मूली का सेवन उसके पत्ते के साथ करें तो ये आसानी से पचेगी। जिन लोगों को मूली पचती नहीं है वो मूली का सेवन घी में पकाकर करें। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट नें बताया मूली और उसके पत्ते शरीर में वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करते है। मूली को घी में पकाकर खाने से गैस की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। घी में मौजूद हेल्दी फैट पाचन तंत्र को स्मूथ करता है, गैस एसिडिटी और अपच को कंट्रोल करता है। मूली को घी में पकाकर खाने से उसकी ठंडी तासीर बैलेंस होती है। कच्ची मूली में फाइबर और सल्फर यौगिक होते हैं जो गैस बनाते हैं।
घी में मूली को पकाने से ये यौगिक टूट जाते हैं और पाचन दुरुस्त रहता है। घी में मूली को पकाने से उसकी तासीर बदल जाती है जिससे पेट पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता और गैस बनने की संभावना कम हो जाती है। मूली को घी में पकाते समय उसमें हींग, जीरा, हल्दी और अजवाइन जैसे मसालों का सेवन किया जाए तो पाचन में सुधार होता है। ये मसाले गैस बनने की समस्या को और कम करते हैं। जिन लोगों को मूली नहीं पचती वो मूली का सेवन घी में पकाकर करें।
मूली और उसके पत्तों के सेहत के लिए फायदे
मूली और उसके पत्ते दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। फाइबर से भरपूर मूली पाचन को दुरुस्त करती है और कब्ज का इलाज करती है। मूली में ऐसे गुण मौजूद हैं जो बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालते हैं। ये सब्जी अगर पत्तों के साथ खाएं तो ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल करती है। डायबिटीज मरीज मूली का सेवन उसकी सब्जी बनाकर,परांठे में या सूप में मिलाकर कर सकते हैं बॉडी को पोषण मिलेगा। सर्दी में इस सब्जी का सेवन करने से बॉडी को भरपूर एनर्जी मिलती है।
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