डायबिटीज के परिणामस्वरूप शरीर की सभी छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है। आमतौर पर, पहला लक्षण आंखों में देखा जाता है। डायबिटीज कई जटिलताओं को जन्म दे सकता है। डायबिटीज की एक ऐसी जटिलता डायबिटीक रेटिनोपैथी है जो रोगी की आंख को प्रभावित करती है। इस स्थिति से अंधापन भी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अनुचित ब्लड शुगर का स्तर मुख्य रूप से डायबिटीक रेटिनोपैथी को ट्रिगर करता है। उच्च रक्त शर्करा का स्तर आंख की रेटिना को प्रभावित करता है। इसलिए, धुंधली दृष्टि टाइप -2 डायबिटीज के लक्षणों में से एक है जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

यदि आपको चीजें धुंधली और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव हो रहा है, तो यह टाइप -2 डायबिटीज का लक्षण हो सकता है। आप अपनी आंखों के सामने काले धब्बे भी देख सकते हैं। यदि आप टाइप -2 डायबिटीज को रोकना चाहते हैं और इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।

डायबिटीक रेटिनोपैथी की रोकथाम के स्टेप्स:

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. शिबाल भारतीय के अनुसार, “डायबिटीज संबंधी रेटिनोपैथी की को आपके ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और सीरम कोलेस्ट्रॉल को सामान्य स्तर पर बनाए रखकर नियंत्रित किया जा सकता है। जबकि समग्र डायबिटीज प्रबंधन के लिए व्यापक प्राथमिक दिशानिर्देश हैं। विकसित किया गया है, ये दिशानिर्देश विशेष रूप से डायबिटीक रेटिनोपैथी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए विस्तारित नहीं होते हैं।”

हालांकि, कई अध्ययनों के अनुसार डाइट में फाइबर, तैलीय मछली और कम कैलोरी का सेवन डायबिटीक रेटिनोपैथी के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा, विटामिन डी और एंटीऑक्सीडेंट को डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाने के लिए भी जाना जाता है।

आंखों की रोशनी को प्रभावित होने से बचने के लिए, आप कुछ रोकथाम चरणों का पालन कर सकते हैं। डायबिटीज के बेहतर प्रबंधन से आप इस जटिलता से बच सकते हैं। आंखों की क्षति को रोकने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

– अपने ब्लड प्रेशर के साथ-साथ ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखें
– यदि आप धूम्रपान करने वाले हैं, तो तुरंत धूम्रपान छोड़ दें
– डायबिटीज के मरीजों को भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखना चाहिए
– आंखों की रोशनी के परिवर्तनों का ट्रैक रखें

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