डायबिटीज एक ऐसी क्रॉनिक मेटाबॉलिक बीमारी है, जो गलत खानपान, बिगड़ते लाइफस्टाइल, नींद की कमी और तनाव के कारण तेजी से बढ़ रही है। इसमें शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल लगातार हाई बना रहता है। डायबिटीज का पूरी तरह इलाज संभव नहीं है, लेकिन सही मैनेजमेंट से इसे लंबे समय तक कंट्रोल में रखा जा सकता है और जटिलताओं से बचा जा सकता है।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लेना, रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्टिव रहना, स्ट्रेस मैनेज करना, पर्याप्त नींद लेना और समय पर दवाएं लेना बेहद जरूरी है। Hba1c को नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर भी लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन, नियमित मॉनिटरिंग और सही भोजन के महत्व पर जोर देते हैं। अगर इन आदतों को लगातार अपनाया जाए तो डायबिटीज मैनेजमेंट आसान हो जाता है और हार्ट, किडनी और आंखों पर पड़ने वाला असर भी कम होता है।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने प्री-डायबिटीज़ या टाइप-2 डायबिटीज़ में HbA1c को घटाने के लिए कुछ असरदार लाइफस्टाइल में बदलाव से जुड़े टिप्स बताएं है जो HbA1c घटाने में मददगार साबित होंगे। आइए जानते हैं कि डायबिटीज मैनेजमेंट में कौन-कौन से टिप्स अपनाएं कि ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहे।
अपने कुल वजन का 5–7% वेट घटाएं
ओवरवेट या मोटापे वाले लोगों के लिए कुल वज़न का लगभग 5–7% घटाना ब्लड शुगर नॉर्मल करने का एक बेहतरीन तरीका है। वजन घटाने से इंसुलिन-संवेदनशीलता सुधरती है, लीवर व मेटाबॉलिज़्म पर सकारात्मक असर पड़ता है और ब्लड में ग्लूकोज़ का स्तर बेहतर होता है। वेट लॉस करके आप HbA1c 0.5% से 1.0% तक की गिरावट कर सकते हैं। वजन कम करने के लिए आप ऐसी डाइट का सेवन करें जिसमें कम कैलोरी और पोषक तत्व ज्यादा हो। नियमित एक्सरसाइज करके और लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप आसानी से वजन को कम कर सकते हैं।
नियमित एक्सरसाइज है जरूरी
हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट मॉडरेट-इंटेंसिटी एरोबिक एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें, जैसे तेज़ चलना, तैराकी या साइकिल चलाना। एरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का कॉम्बिनेशन शरीर की ग्लूकोज़ उपयोग करने की क्षमता बढ़ाता है, मांसपेशियों का द्रव्यमान बढ़ाता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से HbA1c स्तर में लगभग 0.6% से 0.9% तक की कमी देखी जा सकती है।
लो-कार्ब या मेडिटेरेनियन डाइट लें
डाइट में रिफाइंड कार्ब्स का सेवन कम करें। डाइट में फाइबर, साबुत अनाज, नट्स, मछली और हेल्दी फैट को शामिल करें। कार्बोहाइड्रेट का नियंत्रित सेवन और हाई फाइबर भोजन शुगर-स्पाइक घटाता हैं और इंसुलिन की ज़रूरत कम करता हैं। लो कार्ब्स डाइट HbA1c में 0.3% से 1.0% तक की गिरावट कर सकती है। आप शुगर को मैनेज करने के लिए प्लांट-बेस्ड फाइबर बढ़ाएं, रिफाइंड चीनी और प्रोसेस्ड फूड से बचें। डायटिशियन से पर्सनलाइज्ड प्लान लें।
खाने का समय सीमित करें या intermittent fasting करें
आप वजन कम करना चाहते हैं तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करें, यानी आप 10–12 घंटे तक भूखे रहें। देर रात के भारी डिनर से बचें और नाश्ते और डिनर के बीच पर्याप्त अंतर रखें।
खाने के समय-पैटर्न बदलने से इंसुलिन-रिस्पॉन्स और सर्कैडियन रिदम पर सकारात्मक असर पड़ सकता है, जिससे ग्लाइसेमिक कंट्रोल सुधरता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से HbA1c में 0.3% से 0.6% तक की कमी होगी।
दिन भर इस तरह रखें बॉडी एक्टिव
दिनभर में छोटी-छोटी एक्टिविटी जैसे सीढ़ियां चढ़ना, दूरी तय करके चलना, भोजन के बाद 10 मिनट वॉक, घर में काम में सक्रिय रहने जैसी आदतें अपनाएं। ये गतिविधियां कुल कैलोरी-खर्च और ग्लूकोज़-उपयोग बढ़ाती हैं, खासकर ऑफिस वर्क और लॉन्ग-सिटिंग वाले लोगों में मददगार। इन सब एक्टिविटी की मदद से आप HbA1c में 0.2% से 0.4% तक की कमी कर सकते है। हर घण्टे उठकर 5–10 मिनट टहलें, स्टैंडिंग डेस्क या वॉकिंग मीटिंग करें। ये छोटी छोटी आदतें बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
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