गुलेन बैरी सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome – GBS) एक दुर्लभ संक्रामक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो पुणे में तेजी से फैल रही है। पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट, महाराष्ट्र के मुताबिक पुणे में गुलियन बैरी सिंड्रोम से संक्रमित लोगों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। ये एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है जिसमें इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम पर अटैक करना शुरू कर देता है। ये ऑटोइम्यून डिसऑर्डर आमतौर पर बॉडी के पेरीफेरल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। हेल्थ एक्सपर्ट ने बीमारी से बचाव करने के लिए इस बीमारी से सतर्क रहने की सलाह दी है। इस बीमारी को जीवाणु संक्रमण से जोड़ा जा रहा है। इस संक्रमण का लिंक कैम्पिलोबैक्टर जेजूनी के कारण होने वाले संक्रमण से है। ये जीवाणु आमतौर पर अनकुक्ड चिकन और एन पाश्चुरीकृत डेयरी उत्पादों में पाया जाता है।
एम्स दिल्ली में एमडी मेडिसिन डॉ. प्रियंका सहरावत ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके जानकारी दी है जिसमें GBS से जुड़े जोखिमों और कैम्पिलोबैक्टर संक्रमण से इसके संबंध पर प्रकाश डाला है। जीवाणु और GBS का कनेक्शन देखते हुए एक्सपर्ट ने सलाह दी है कि आप डाइट में चावल, पनीर और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करें।
अगर आप इनका सेवन कर रहे हैं तो उनका सेवन ठीक तरह से साफ करके और पूरा पकाकर करें। एक्सपर्ट ने बताया पहले इन फूड को अच्छी तरह से धोएं और ठीक से पकाकर उसका सेवन करें। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस संक्रमण से बचाव करने के लिए हम कौन-कौन से तरीके अपना सकते हैं।
GBS के लक्षण (Symptoms of GBS)
- GBS के शुरुआती लक्षणों की बात करें तो मतली, पेट दर्द, उल्टी, दस्त का अनुभव हो सकता हैं और न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी पैदा हो सकते हैं।
- GBS गंभीर मामलों में कमजोरी, चुभन महसूस होना और पैरालिसिस जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ये लक्षण पैरों से शुरू होंगे और शरीर के ऊपरी हिस्से तक फैलेंगे।
- बॉडी में इन लक्षणों को जल्दी पहचान लिया जाए तो बीमारी का शुरुआती दौर में ही इलाज किया जा सकता है।
GBS संक्रमण से बचाव के लिए ये तरीके अपनाएं
- इस संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए आप भोजन के उचित रखरखाव का ध्यान रखें। इसका सेवन करने से पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें। खाना पूरी तरह पकाकर खाएं कच्चे फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।
- अपाश्चुरीकृत दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन करने से परहेज करें, क्योंकि इस संक्रमण का लिंक कैम्पिलोबैक्टर जेजूनी बैक्टीरिया से हैं।
- भोजन को उचित तरीके से पकाएं। पकाने के लिए कम से कम 165 डिग्री फारेनहाइट का तापमान रखें। इस तापमान पर फूड गर्म होने पर हानिकारक बैक्टीरिया निकल जाएं।
- साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। हाथों को बार बार वॉश करें। पोल्ट्री और डेयरी उत्पादों को छूने से पहले और बाद में हाथों को साबुन और पानी से ठीक से वॉश करें।
- कच्चे मांस और अन्य खाद्य पदार्थों के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड और बर्तनों का उपयोग करें। इस तरह बैक्टीरिया को फैलने से रोका जा सकता है।
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