उम्र बढ़ने के साथ-साथ बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती है। 40 साल की उम्र क्रॉस करने के बाद जो परेशानी सबसे ज्यादा होती है वो है हड्डियों में दर्द की। हड्डियों में दर्द कमर की हड्डी,कूल्हों की हड्डी और रीढ़ की हड्डी में दर्द जैसी परेशानियां हो सकती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस की वजह से होने वाले दर्द की बात करें तो सबसे ज्यादा दिक्कत घुटने में होती है। घुटनों में दर्द बढ़ने लगता है और उठना-बैठना तक दूभर होने लगता है। घुटनों में होने वाले दर्द को ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है, जो तब होता है जब आपकी हड्डियां एक दूसरे से रगड़ खाती हैं और धीरे-धीरे कार्टिलेज घिसने लगते हैं। विशेषज्ञ के मुताबिक ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है आपके जोड़ों में दर्द की परेशानी भी बढ़ने लगती है। हड्डियों में होने वाला बदलाव कार्टिलेज के टूटने का कारण बन सकता है।

सह्याद्रि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, डेक्कन जिमखाना, पुणे में डॉ.विपिन बानुगड़े के मुताबिक ऑस्टियोआर्थराइटिस कूल्हों, रीढ़ की हड्डी, हाथों और पैरों को भी प्रभावित कर सकता है। यह हड्डी,कार्टिलेज,लिगामेंट और मांसपेशियों समेत  पूरे जोड़ों को प्रभावित करता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित अधिकांश लोगों को लगातार दर्द होता है और उन्हें चलने और सीढ़ियां चढ़ने में बहुत परेशानी होती है। घुटनों के क्रॉनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित ज्यादातर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए सर्जरी का सहारा लेते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि बिना सर्जरी के भी घुटनों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित किसी भी उम्र के ज्यादातर लोगों पर अच्छे से असर करता हैं, लक्षणों की गंभीरता कुछ भी हो। इनमें बीमारी के बारे में जानकारी, सेल्फ मैनेजमेंट, एक्सरसाइज, शारीरिक गतिविधि,वजन कंट्रोल और न्यूट्रिशन और कुछ दर्द की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।

बहुत से लोगों का मानना है कि एक्सरसाइज और बॉडी एक्टिविटी से उनके जोड़ को अधिक नुकसान होगा। लेकिन आप जानते हैं कि बॉडी की एक्टिविटी और एक्सरसाइज इस दर्द से छुटकारा पाने का सुरक्षित तरीका है। इस तरीके को अपनाकर दर्द को कम किया जा सकता है। पेरासिटामोल और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसी आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दर्द दूर करने वाली दवाओं की बजाएं आप एक्सरसाइज कीजिए। बॉडी की एक्टिविटी आपको भविष्य में सर्जरी कराने से बचाव करेगी। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से तरीके अपनाकर आप घुटनों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।

लाइफस्टाइल में बदलाव करें

लाइफस्टाइल में बदलाव करें। गतिहीन जीवनशैली आपके दर्द को और भी ज्यादा बढ़ा सकती है। आप बॉडी को एक्टिव रखें। दिन भर में अपना काम खुद करें। चलें-फिरें और गतिहीन जीवनशैली को एक्टिव में कन्वर्ट करें।

इन एक्सरसाइज से करें उपचार

गठिया का कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी में दर्द और सूजन को कंट्रोल किया जाता है जिससे जोड़ों में होने वाले दर्द और परेशानी को कंट्रोल किया जा सके। लाइफस्टाइल में बदलाव करके आप इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं। घुटने के क्रॉनिक ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए कई प्रकार की असरदार एक्सरसाइज होती हैं, जैसे स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, एरोबिक एक्सरसाइज जैसे चलना या साइकिल चलाना, योग और ताई ची। आप दर्द को कंट्रोल करने के लिए किसी भी प्रकार का व्यायाम कर सकते हैं जो आपको सबसे अच्छा लगे।

वजन को करें कंट्रोल

वजन को कंट्रोल करके न सिर्फ आप कई बीमारियों से बच सकते हैं बल्कि आप ऑस्टियोआर्थराइटिस पेन से भी छुटकारा पा सकते हैं। वजन घटाने से घुटने के दर्द को कम किया जा सकता है। आपकी बॉडी का भार आपके पैरों पर कम जाएगा और आपको दर्द और सूजन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। वजन कम करने से मतलब है कि आपके शरीर के वजन का कम से कम 5-10% वजन कम करना फायदेमंद हो सकता है।