Diet tips ater 30 years age: उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं। लोगों को इस बात का अहसास होना चाहिए कि बढ़ती उम्र के साथ अगर लोग अपने खानपान के प्रति सावधानी नहीं बरतेंगे तो इससे उनका मेटाबॉलिज्म कमजोर हो सकता है। इसके अलावा, पाचन संबंधी दिक्कतें और भविष्य में शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। इस कोरोना काल में जब लोग घर में घंटों काम करते हैं, शारीरिक गतिविधियों की कमी और तनाव की अधिकता वैसे भी लोगों के शरीर को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रही है। ऐसे में पोषक तत्वों जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स, फाइटोकेमिकल्स, विटामिन्स और मिनरल्स युक्त खानपान को ही तरजीह देनी चाहिए।

बेहतर सेहत, मजबूत रोग प्रतिरोधक और तनावपूर्ण जीवन शैली को कम करने में ये सुपरफूड्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी सब्जियां शरीर के पीएच लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। साथ ही ये पोषक तत्वों का भी बेहतरीन भंडार माना जाता है। पालक, पार्स्ले जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर के लिए बहुत ही जरूरी हैं। ये खाद्य पदार्थ न केवल इम्युन सिस्टम को मजबूत करने में कारगर हैं, बल्कि एनर्जी को बूस्ट करने और शरीर में टॉक्सिक पदार्थों को निकालने में भी मददगार हैं।

प्लांट प्रोटीन का करें सेवन: उम्र के साथ लोगों को प्रोटीन ज्यादा से ज्यादा डाइट  में शामिल करना चाहिए। एनिमल प्रोटीन की तुलना में प्लांट बेस्ड प्रोटीन पचाने में आसान, स्वादिष्ट तो होता ही है, साथ में इससे कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। यहां तक कि जो लोग लैक्टोस इनटॉलरेंस होते हैं, उन्हें भी इससे कोई नुकसान नहीं होता है। साथ ही, इनका सेवन ऊर्जा प्रदान करने में भी सहायक है।

प्लांट बेस्ड विटामिन्स का करें इस्तेमाल: पौधे या खाने में पाई जाने वाली विटामिन्स उनके सिंथेटिक समकक्षों की तुलना में बेहतर होते हैं क्योंकि वे शरीर द्वारा वे शरीर द्वारा बेहतर अवशोषित होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन सी और ई न केवल इम्युनिटी बढ़ाते हैं बल्कि सम्पूर्ण सेहत के लिए जरूरी हैं। विटामिन से भरपूर इन साबुत अनाजों में बायो-फ्लेवनॉयड्स जैसे फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं जो बढ़ती उम्र में भी लोगों को एनर्जेटिक बनाए रखते हैं।

इसके अलावा, क्विनोना, अलसी के बीज, चिया सीड्स, सरसो के बीज, तिल जैसे सीड्स भी बढ़ती उम्र में लोगों को बीमारियों से दूर रखने में कारगर हैं।